रक्तदान के बारें में सही जानकारी | RAKTDAAN KE BAARE MEIN SAHI JAANKARIHEALTH SERIES
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
11
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सफंद रक्त कण- रकक्त में सफेद कणों की रुख्या लाल रक्त कणों की
संख्या की तुलना में काफी कम होती है। ये पांच किस्म्र के हंते हैं और
विभिन्न जीवाणुओं से लड़ने में शरीर कौ सहायता करते है ।
प्लॉंटलंट- ये कण चोट लगने पर रबत को जमाने के काम में मदद करते हैं
प्लाजमा- प्लाजमा में रक्त कणों के अलावा कई तरह के प्रोटीन होते है !
एक किस्म का प्रोटीन खून में उपस्थित विभिन्न पदार्थों को एक से दूसरे
स्थान पर ले जाते है। एक किस्म का प्रोटीन रोगाणुओं से लड़ने में शरीर
की मदद करते है। एक किस्म का प्रोटीन प्लेटलेट के सहयोग से खून
जमाने का काम करता है ।
हमने देखा शरीर में खून का कार्य क्रितता महत्वपूर्ण हैं, इसलिए
जब किसी व्यक्ति को खून कीं जरुरत होती हैं, तो दूसरे कोई बिकल्प से
काम नहीं चलता द
ऐसी स्थितियां, जिसमें मरीज क्हों रबून देना
पडलःर हे
& जब चोट या ऑपरेशत के कारण शरौर से बहुत खत निकल
गया हो ।
& शरोर में खतरनाक रोग जीवकाण संक्रमण से शरीर की प्रतिरोध
क्षमता जब कम हो गयी हो ।
& जब किसी का शरीर गहराई तक जल गया हो ।
& रक्त-क्षोणता यानी खन को कभी के मरीज को (जिनको खून
की कप्तमी भोजन से या लौह को गोली से नही सुधंरेगी ।)
&छ ऐसी कुछ बीमारियों में, जिनमें खन को तेयारोी बाधा-प्राप्त
होब्ली है ।
& उसो कुछ बीमा रियों में जिनमें रक््त-कण जल्दी नष्ट हो जाते है
ब्लड ग्रूप या रव्त्त ब्॒ग
हम सभी का रक्त देखने में एक ज॑सा दिखता है, लेकिन किसी का
खन हम किसी भी व्यक्ति को नहीं दे सकते । इसलिए हमें ब्लड ग्रुप के बारे
जानकारी रखना चाहिए । ब्लड ग्रुप बिभाजन की प्रधान प्रणाली को ए.बी.ओ.
प्रणाली कहा जाता हैं ।
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