विनय पिटक | Vinay Pitak

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Vinay Pitak by राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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३६) अपराहणको गाँवमें जाना ३७) सूचीघर ३८) चौकी चारपाई ३९) वस्त्र ६. पाटिदेसनिय १ ) भोजन ग्रहण और भिक्षुणी २ ) अपने हाथसे ले भोजन करना ७. सेखिय ) चीवर पहिनना गहस्थोंके घरमें जाना बैठना ) भिक्षान्न ग्रहण और भोजन ) कसेको उपदेश न देना ५ ) पेसाब-पाखाना अधिकरण-समथ झगठा मिटानेके तरीके कलह रे--भिक्खुनी-पातिमोक्ख ९ निदान ७१. पाराजिक ( १ ) मैथुन चोरी मनुष्य-हत्या दिव्य शक्तिका दावा ( ५ ) कामासक्तिके कार्य ( ६ ) संघसे निकालेका अनुगमन ( ७ ) कामासक्तिसे पुरुषका स्पर्श ९२. संघादिसेस ( १) पुरुषोंके साथ विहरना ( ( | | | | | | ७ २) रे) कर र २) ३ ) अकेले घूमना न ) ५ ) कामासक्तिके कार्य ) पाराजिकका दोषारोपण ) धर्मका प्रत्याख्यान ) भिक्षुणियोंको निंदना ) द्‌ ७ ८ ९) बुरा संसर्ग ३३-३५ ३९-७० ३९ अपन डा 9 ््ढ चोरनी या बध्याको भिक्षुणी बनाना. ही संघसे निकालीकों साधिन बनाना १०) संघमें फूट डालना ११) बात न सुननेवाली बनना १२) कुलछोंका बिगाठना निस्सग्गिय पाचित्तिय चीजोंका चेताना ओढ़नेका चेताना कठिन-चीवर और चीवर क्रय-विक्रय लहसुन खाना कामासक्तिके काम भिक्षुकी सेवा कच्चा अन्न पेसाब-पाखाना सम्बन्धी नाच गाना पुरुषके साथ गहस्थोंके घरमें जाना बंठना भिक्षणीकों दिक करना सरापना पीटकर रोना हि ्ै अच्छे | बे आय के न भय... पिया... पाकर... नवसारी पी हा ् न चीवर साथ लेटना हैरान गन करना गोगी डशिष्यकी सेवा न करना उपाश्रय देकर निकालना पुरुष-संसर्गं विचरना तमाशा देखना कुर्सी पलंगका इस्तेमाल स्नान (६. दी. ८ न9. (४ ) ) ) ) ) ) चाँदी-सोने रुपये-पैसेका व्यवहार ) ) ) ) ) पप्ठ ्ि पद उन | ७ त




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