सरल शरीर विज्ञान | Saral Sharir Vigyaan

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Saral Sharir Vigyaan by श्री जानकी शरण वर्मा - Shree Janki Sharan Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ११ ) हैं। पीड के घीचो-पीच सदन की तरक से श्ाई और ऊपर से नीचे जाती हुई रीद की दृष्टियाँ मालूम दोती हैं । छ्लाठी के श्रन्दर शरोर के मुख्य घ्ंगों में से तीन शग हैं । इनमें से दो तो फेफड़े ( फुस्फुस ) हैं, जिनमें सांस ली हुई हवा '्माती है पीर ,खून को साफ़ करती है । एक फेफडा दाहिनी तरफ योर दूसरा घायीं तरफ़ है। इन दोनों के बीच में दिल ( हृदय ) हे जो सिफ्द कर 'प्ोर ढीला द्वेकर खुन को श्पने बाहर निकालता पर तमाम शरीर में पहुँचात। है । यह तो हुई छाती के अन्दर के वर्गों की वात । व धघड़ के निचले हिस्से, दद्र, के 'यगों को लानना हैं । उदर के वाहरी भाग में सामने की 'प्ोर नाणि है 'प्ौर पीछे कमर । कमर के वीचोा- घीच टटोनने से री की हदूडियाँ मालूम दोवी हैं । उदर के सबसे निचले दिस्मे में पुरुप और ल्री की पहचान के अंग होते हैं, जिनसे पेशाघ भी फ्रिया जाता है। उदर के अन्दर भी कई बहुत ज़रूरी श्रग हैं, जिनसे खास कर भोजन पचाने की क्रिया इत्यादि होती है । ये घंग हें आमाशुय (50०00 ०्ण५, पेट की थैछी), जिगर (यद्धत, 1: +०), छीडा ( प्रिल्दी, 5०० कोम (एधप८0ए8), गुरदे छक, चितेाशएफड है ग्मौर र्ज्तिं (आन्त्र, 1: छह 05) | इन श्र्गों का पूरा च्णन गे फिया जायगा । यहाँ पर इतना ही कद्दा जाता हैं कि इनमें से कुछ श्गों से पाचक रस निंकलते हैं, कुछ 'ग पाचन-क्रिया करते हैं गौर कुछ पाख ना पेशाब के निकलने में सद्दायक द्ोते है । उदर का निचला दिस्सा कमर की हड्डियों के घेरे के कारण एफ कटोरे की तरह है, जिसे वस्तीगद्दर (०8) कहते हैं । इस कटोरे में ष्माँतों के नीचे का भाग श्र पेशाव की




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