कुण्डल पुर के राजकुमार भगवान् महावीर | Kandalpur Ke Rajkumar Bhagwan Mahaveer
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
162
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about जयप्रकाश शर्मा - Jayaprakash Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)राजकुमार | ३५
( ९३ ) विमान
» डे | सागभवत्त
( १५ ) रत्मभन्डार
(१६ ) बगैर धुये वाली आग
ये सोलह के सोलह सपने शुभ भविष्य के सूचक थे । स्वयं राजा
सिद्धार्थ ने इन सपनों का फल इस प्रकार व्यक्त किया थाः---
(9 उन्नत चार दात वाला हाथी
--- होने वाला बानक तीर्थंकर होगा !
एक पालतु सफेद बैल
-- पालतू भाग्यशाली सफेद बैल का फल यह होना चाहिये कि
चालक बहुत बड़ा धर्म प्रचारक बनेगा ।
(9 भाकाश की ओर उछलता हुआ्ना सिंह
-- होने वाला बालक प्रतुल वीर होगा, पराक्रमी होगा ।
€?) श्री ओर लट्ष्मी का दर्शन *
-- एस बात क्षा द्योतक है कि बालक का राज्य पर श्रधिकार
रहेगा ।
&ओ दो चुन्दरमदार मालायें
-- इस बात का प्रत्तीक्क है कि होने वाला सुगन्धमय शरीर का
घारक यशस्वी होगा।
है पर्द्र श्रोर सूय का दर्शन
-+ एम बात को व्यकत करते है कि होने वाला वालक मोह के
भ्रन्घेरे को समाप्त करके श्रज्ञान का नाश करेगा भ्रौर ज्ञान का
सूरज विकसित करेगा ।
(20 मछलियों का जोडा
-- इस बात की शोर सकेत करता है कि वह्॒श्रनंन्त सुस प्राप्त
करेगा
.
User Reviews
No Reviews | Add Yours...