कुण्डल पुर के राजकुमार भगवान् महावीर | Kandalpur Ke Rajkumar Bhagwan Mahaveer

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Kandalpur Ke Rajkumar Bhagwan Mahaveer by जयप्रकाश शर्मा - Jayaprakash Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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राजकुमार | ३५ ( ९३ ) विमान » डे | सागभवत्त ( १५ ) रत्मभन्डार (१६ ) बगैर धुये वाली आग ये सोलह के सोलह सपने शुभ भविष्य के सूचक थे । स्वयं राजा सिद्धार्थ ने इन सपनों का फल इस प्रकार व्यक्त किया थाः--- (9 उन्नत चार दात वाला हाथी --- होने वाला बानक तीर्थंकर होगा ! एक पालतु सफेद बैल -- पालतू भाग्यशाली सफेद बैल का फल यह होना चाहिये कि चालक बहुत बड़ा धर्म प्रचारक बनेगा । (9 भाकाश की ओर उछलता हुआ्ना सिंह -- होने वाला बालक प्रतुल वीर होगा, पराक्रमी होगा । €?) श्री ओर लट्ष्मी का दर्शन * -- एस बात क्षा द्योतक है कि बालक का राज्य पर श्रधिकार रहेगा । &ओ दो चुन्दरमदार मालायें -- इस बात का प्रत्तीक्क है कि होने वाला सुगन्धमय शरीर का घारक यशस्वी होगा। है पर्द्र श्रोर सूय का दर्शन -+ एम बात को व्यकत करते है कि होने वाला वालक मोह के भ्रन्घेरे को समाप्त करके श्रज्ञान का नाश करेगा भ्रौर ज्ञान का सूरज विकसित करेगा । (20 मछलियों का जोडा -- इस बात की शोर सकेत करता है कि वह्‌॒श्रनंन्त सुस प्राप्त करेगा .




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