नन्दरानी तथा अन्य एकांकी | Nandrani Tatha Anya Eankanki
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
925 KB
कुल पष्ठ :
166
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संदराजी ] [डर
मह ब्ानपे हुए भी में उसे कंसे सुधाऊ ? फिर इसने बड़े कलक की
बात [
मदरानी
ठमी हो मुझे सुता बहिन | हुस शौर कसक का इतमा बड़ा
बोर मैं तुझे; भकेसे दोसे गहीं बु गी। तेरा दुवल घरोर
देवको
मैं सुनाऊं घो तू मुझे घृणा छे दुरदुरा देगी | तैरे स्नेह वी
विधि को छोने का जोखम कंसे उठाऊ मला ?
शदइशमी
जिसे मैंने शरमुना को साक्षी करके सली माना है सूर्य प्रोर
श्रंद्रे जिस बहिनापे के पवाह हैं वह गया यों टूट सकता है
भोत्ती !
देघढी
भप्तोदा जोजो ऐेरा हुठ | उप्तके प्रागे बया मेरा द्रव ठहर सकता
है। छेसुन | ( पुह बोड़ा भाये करके इस प्रडार कहती है कि लप्तोरा के
प्रिया कोई प्रौर न सुन पापे । ) मेरा छुह देसना पाप है नदराभी।
में पुषधातिनो है। में प्रपनी संत्रति को भाप हो सवा जाती है ।
सदरामों
( प्रदरक् में भरकर ) यह तू बया कहती है देवकी ?
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