कसायपाहुडं | Kasayapahudam

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kasayapahudam   by फूलचन्द्र सिध्दान्त शास्त्री -Phoolchandra Sidhdant Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about फूलचन्द्र सिध्दान्त शास्त्री -Phoolchandra Sidhdant Shastri

Add Infomation AboutPhoolchandra Sidhdant Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सिरिं-जइबसहाइरियतिरइय-चुण्णिसुत्तसमणिणद॑ सिरि-भगवंत्गुणहर बडारओवहइं कूसायप्ाहुड सिरि-वीरसेणाइरियविरइया टीका जयद्षव ल।( बंधगो णाम छट्टी अत्याहियारों अशाभागभागमेत्तो थे जत्थ दोसस्स संभवी णत्थि । त॑ पणमिय जिणणाहँ संकममणशुसागगोयर वोच्छ॑ ॥ १॥ जिनमे अणुके जबन्य अविभागग्रतिच्छेदक वराबर भी दोष सम्भव नहीं है उन जिननाथकों नसस्कार कर अनुभागसंक्रम नामक अधिकारका कथन करता हूँ।॥ १॥




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now