हिन्दी व्याकरण चन्द्रोदय | Hindi Vyakaran Chandroday
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
260
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
अनष्वारित अ ( धांशां ) #
« ' $ हिन्दी फे अकारान्त शब्दों में अन्य अफा उच्चारण नही
होता । जैसे-रात, दिन, मोहन, कलम, लटकन, गपडचांथ,
इत्यादि ।
« झपवाद-एकाधरी शब्द का, शब्द के संयुक्त अत्याक्षर का और इ,
8६ या ऊके आगे केय का अ पूर्ण उच्चत्ति द्ोता है। जैसे-त, न, धम,
इन्द्र, प्रिय, सीय, राजमूय, इत्यादि ।
> चार अछर्रो फे आ्राफारान्त शब्द में दूसरे अक्रान्त वर्ण
का अ अलछुचचरित रहता है! जेसे-ऋटपट, कामरूप, इत्यादि ।
अपवाद-यदि दूसरा भ्रक्षर युक्त द्वो या पहला अक्षर उपत्तर्ग हो
तो दूसरे अक्षर बा अ पृ्णे उ्चरित होता है। जैसे-सत्यलोफ, प्रचल्ति |
३ अकारान्तभिन्न तीन अक्षरों फे शप्द के दुसरे या चार
अक्षरों फे शब्द फे तीसरे अकारान्त वर्ण फा अर अ्रुय्यरिति
रहता है। जैसे-कपडा, सागना, निकलना, समभना, इत्यादि ।
योगिक शब्दों फे छल अवयचो का अन्त्य तर अद्ुब्यरित
रहता है। जैसे-देचलोक, प्रचल्लता, लठकपनच |
५ शब्द के आदिवण का अर सदा उच्यरित रहता है।
अभ्यास ।
१ शब्दों में कहाँ कहाँ ञ का सारण पहों होता २ २ कहाँ कहाँ हर का
प्रदारण शेता २१ ३ काम! मौदन, अ्रमबन, ासपघाद! इन शब्दों में कहाँ कदों
चनुषरित अ हैं ? ४, चार बर्णों के शब्दों में कहाँ कु झनुच्चरित झ झाते दें ?
स्वराघात ( 3€८शांतरश।0णा ० ४०७९५ )
किसी शब्द के उष्चारण में प्रत्येक अक्षर पर स्वर का जो
धबा सगता ऐे उसे स्वराघात कहते है।
+ था * शब्द का श्थारण 1 *
+
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