संयुक्त प्रांत की पहाड़ी यात्राएँ | Samyukt Prant Ki Pahadi Yatra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.89 MB
कुल पष्ठ :
256
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दो शब्द ांत का अधिकतर भाग सैंदानी है केवल उत्तरी-पश्यिमों भाग. पहाड़ी है । मेरठ-कपिश्नरी के पाँच जिलों में केवल देहराइत ही पहाड़ी भाग है । इस जिले में चकरौता कालसी मसूरी संढौर और देहरादून आदि नगर हैं। टेहरी देशी रियासत है और इसमें यमुनोत्तरी ( 8 ६०० फ़ीट ) टेहरी गंगोत्तरी ( २० ०३० फ़ीट ) देवेप्रयाग आदि नगर हैं । क्मायें-कमिश्नरी के तीनो ज़िले. पहाड़ी हैं । (१) ज़िला गढ़वाल में केदारनाथ बदरीनाथ गुप्त काशी सद्रप्रयाग श्रीनगर पौढ़ी लैंसडौन कर्णप्रयाग नंदप्रयाग नंदकोट नंदादेवी ( २५ ६४० फ़ीट ) दूनागिरि जोशीमठ ( ६ १०७ क्रीट. ) त्रिशूल रामगढ़ आदि हैं । ( २) ज़िला अल्मोड़ा में मीलम ( ११ १८० फ़ीट ) चागिश्वर ( ३ १६६ फ्रीट ) बेजनाथ द्वाराहमाट रानीखेत ( श ६८० फ्रीट 9 हवालबारा अल्मोड़ा ( ५ ४६४ फ़ीट ) चंपावत विधौरागढ़ पिंडारी आदि स्थान हैं । ( ३ ) ज़िला नैनीताल में काशीपुर रामनगर काठगोदाम दलद्वानी ललकुआाँ आदि हैं। यों तो सभी स्थान दर्शनीय हैं और सभी कहीं यात्री आते-जाते रहते हैं किंतु श्रस्तुत पुस्तक में उन्हीं स्थानों का वर्णन है जहाँ अधिक यात्री प्रतिवर्ष धर्म- भाव से स्वास्थ्य के विचार से या सरप्सपाटे और मनोविनोद के लिये जाते हैं। दक्षिण में ( संयुक्त प्रांत के ) चनारस-कमिश्नरी के पाँच ज़िलों में केवल ज़िला मिर्ज़ञपुर ही पहाड़ी है जिसके ंतगंत चुनार विंध्याचल और मिर्जापुर आदि हैं । संयुक्त प्रांत के पठारी प्रदेश का मध्य और पश्चिमी भाग घु देलखंड कहलाता है. । दक्षिण में विंध्याचल और केमूर पवत की श्रेशियों फेली हुई हैं और उत्तर में नंदादेवी गंगोत्तरी यमुनोत्तरी आदि की हिमालय पर्वत की श्रेणियाँ । देहरादून- ज़िले की शोर शिवालिक की पहाड़ियाँ हैं जो पवतीय भाग का दक्षिणी छोर है और जो समुद्र-तट से २ ००० फ़ीट से उँची नहीं हैं । इन्हों पहाड़ियों की संवद्ध श्रेणियाँ रुड़की से हरिद्वार तक फैली हुई हैं और
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