टोडाय चरितमानस | Todaya Charitamanas

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Book Image : टोडाय चरितमानस  - Todaya Charitamanas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डा शत्प्य ई २७ इच्चा की टछ्कत मर का दूध है, और माँ का दु८ रनूए की दाद पर दिर्मेर है ६ ग्ोझ़े देर बाद मदटोनयलो कादी है 1 इद्स्दो को ठदरारऋ करने । साख हो, बुघनी बरी बच्ची हो वो है! मां दोने झे क्या होठा है--पेट से निकुजते हो कोई खौरी-बर का विदि-विवात शोड़े शान केठा है ? कद स्वात करने का दिन है $ मइतो- पलों के नहीं देखने-मुतने से काम केसे चत्तेदा--ओऔर डिसे ररज है यहू सद देखने» मुनते को ? महठो-पलो होने का दापित्द तो कम नहों १ छठे ही बुघनी से पूछा-- ममृर दाल में सदमून का छोहन रिया था या अदरख का २ बा ? दुद्बन बन्द दो २ किम्नने कह्ठा ? तुन्हारे 'पुर्ख” ने? मेंने छुद देखा है कि दुकान छुपो है, ब्कि मैंने नमक भी खरोंदा है !*** इम्रके बाद महतो-सत्ली दोड़ाप के दापिर को गानोंरलौज करतो है ॥ बुएनी साथ-साथ उकसादी है। टोने के अन्य वयस्क पुरुष को महतो-पली इस तरह निश्यम हो डॉट नहीं सकी । सेडिन इस बादमी को तो कोई मो दाठ सुना सकता! है ॥ मदृ॒तो-पत्ली के चने जाने के बाद यह 'पुस्ख” अपनी पतली के निकट जाकर साये बातें म्च-सच कह डाचता है और अपनी गसती स्वीझारता है । बुधनी मन ही मन दँसठी है । ऐसे 'पुस्ख” पर कया गुस्सा कर, रद्द था सकता है | सोगों की हँती-सट्टा भी नहीं समझ पाता) नहीं तो भला कल हें-हैँ करते हुए सुझमे केसे कहता कि रठिया 'छड़ीदाए ने उससे पूछा है--डेटे के शेर का रंग मकमूदन दावू की तरह हुआ है क्या ? जि बुधनी का देधव्य ओर पुवविधाह्‌ ढोड़ाय काफी मोदा-ठगढ़ा हुआ था। रंग भी काला वहां, बल्कि उज्जवल श्यामवर्ण---तठठमा जिसे गेहुँगा रंग कहते हैं। उसका बाप साँक पड़ते ही काम-घाम के आकर उसे गोद में ले वेठता । घेटा होने के दाद से उसने मजन-मेडली में रात को जाना बन्द कर दिया । इस बात को लेकर टोले के लोग छूब मजाक करते । बुधती आँगन में पूल्हे के निकट बेठती और वह दरवाजे कौ फरको के नजदीक बेटे को गोद में लेकर बेठता और दुधनी से गप-शप्र करता 1 बकर-हट्टा-आ-भा- बरद-चट्टानआा-आ- सोजा-यट्वा-आ>्आा- *“बुफती हो बुधनी ! यह छौंर बढ़ा होकर हमारे वंश का नाम रखेगा। .




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