जैन लेख संग्रह खण्ड 1 | Jain Lekh Sangrah Khand 1

Book Image : जैन लेख संग्रह खण्ड 1  - Jain Lekh Sangrah Khand 1

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पूरण चन्द नाहर - Puran Chand Nahar

Add Infomation AboutPuran Chand Nahar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
- हमारा कि कु करनकिरिअका नर अर जबरन नमन दर ७ ताक मकर कयलमतर वेकललवगटन की न नलन% न# हि अभ ए के लकी ताल लनिसैलकक दे विद नल ेलिन फरार है. न चल जा जे कर. लि ही 1 अवामनावकारिकेय, कमा. की! वि न हा नकवभकर ज-औत, कान, न कि न्ज्ल ड सन . के थ ०. ही उकककरननत / लव बन: नागरिक कपनमंपपपए जा कैच की ' कतार िनियागफागर रे रषि नक-ालाकुदरि.ापानग्यददलननरवग... की चना: कआ चाके' कि न के का मद ष् कली इक स्व नल कैल पार कलर नेक चलरीनरीनफे के है अदा है. अत मल ारनलसवलबान भी हर का वि का सवाल, कि शाप व: गे डर । दी है रु लिपधन्ान्कन्न्य& मी लि. कक सनकनदयनथकनपी. अ सननननापकप ललसिाणात ।कच्चानरकाचष्भ७५वर ैबन्यप्वककन्यवक हज हट शक वे थे नए सलर्-बनरवियककेकलिनलपटर अयल भि ब-धयवगकिण्जी कि अनगनककनयराब्ण्यरद अयनस 'नन्यलसपरययक ! गा िमससन न्यकाियि-कट #नननलपलिरिसं जानी करनिददा दपलदादववादयावपवानन कफ फिनलस्प यम फिानथिर नय्यसणमस भिननकरननयाम्यम्मनर (ाणयाणवाणियाजिापाा 00889 घिरा चि अर सका ल्म्सकानव्प्रामतयरी नमक नम उन कौन # ऐसलगं हे काल कनितीिक ििय फिट नया केलक क वे? के कतनन्ज़ाचाकक- बयान | दा उन १. अन्य पगययान्यमावन्यामामरीया की निक ट लय, द्वागा-ायरयंतलनावेदतालायनातपतरदतवयतनततपतनानदन्यनगधा द्ामणतााथतयायमयलदेदन्यनान ललमलीगीएएतएएं | ब ही * जज हू... ४ दि १ ज च्का ऋ का मं. , रद है भू हा हा अ न थ थे भ श न है य बश न जा थक च् चल भय जन रह पद पथ की जे है दर ते हे के 1 थी « ड् च + ह' | श् व वो रह श्दु ले * ऋ. जि ). ल न; दि न्कक फुं द्ट थ १ 1 १ । 1 1 1 ्ठ बन हि | रद ् कर कं ग मै री न री है 7 ,#. कल हक की कं दि श दर के भ श्र भू व श् दर रू लक न च ही , जी के दा कौ भा बी पसें ७ जि िवलिविव कपल जार ७. ७याारकिदम हू चली श्ध्द वश द मय द् कि जि के हर | दर न जे ्ि ही मे है श कगह * सन. बैक. थे जोश थी का तिनत ने है... है ५ अ# «. कप नयी धवन ली न बन्नी कश्कीी न न ह् कल नव जग न भ् थ हे हे हि न सप्प्न्ट्ड न ठुडडटटटट हि हि रू | के जग भर ही कि पं ” नस डर बदन कह न डे दर के ् न ही थं कि रा न कम दि भी गे || भू हबौली न्थ ऋ चर न धर ब्न्ह हि -् न कर ष् क्र की नर कि: लि नर दी हे दंत नव नदसप गा, 6६. है भर के भू, मै. ब चझ अनकपाया .. “हिना ए, *.. द्उ सदर वतन निवासी तक भर थ् नि अगर जन न घिरे उमा हि दर हे न 4 रो डे ही म्ॉ हि है चै श न भले ८ 1 न थ दा च् .*ै-'दक । डा कि न मद बे युदप्र न हा श्ै कं हा के का /. डे कक ह शव ब शा डे चर 4 धर भ कु. «का दर ह्त लव जद # निननि िं नमः री कं. 9 थे च्ि, मी च्व्द बम कर नयी 2 प पकाम्य्यन सकल: की ही मी की हें . १ कलम मिकनया हां पूछे. था हु जप जेप्स्डट भ्प्द पड कक बह ्ि मर नल : नव 2, कि 2. जमा दर चुल्टूली पता श ः झ थ बन्यहन््पग ६ रस दे न डर न * कनन्न्ल्च्स्‍्ट्ट्ल्ल्ट्टटट्ड वथलनू्टडटटटटटटट सन ्च्ल्ल्ट किया च्




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now