सन्मति - वाणी | Sanmati Vani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
730 KB
कुल पष्ठ :
162
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सम्मति-वांणी 6
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(६)
जब संक बुटापा नहों सठादा, जब तह स्याजियों नहीं बत्हों,
छलब हक ईद प्रयाँ भशक्तः नहीं ट्वोदों, तब ठड धर्म रा
आचरण कर लेना धा दिए, बाद में कुछ नहीं होने का |
(४)
साशधान शरीर का परित्यांग कर के भा शपवत्र इन दा
पाक्नन करमा 'ाहिए !
(८)
मूंद मनुष्य धमे के मम को नहीं पम्मर एत्त |
(४)
भोगामिलाषी मनुए्य घ्॒मे पथ प्ले ग्र्ट ('कऋषनद
इस
पश्चात्ताप करता है|
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