समस्याएं अनेक समाधान एक | Samasyaen Anek Samadhan Ek

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Samasyaen Anek Samadhan Ek by मुनि ज्ञान - Muni Gyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लंदन की गलियों में घूमने वाले एक अनाथ बच्चे के मन में एक दृढ़ संकल्प, दृढ़ आत्म विश्वास जागृत हुआ मुझे इस देश का सम्राट बनना है। उसे सहयोग प्राप्त हुआ और एक दिन वह लंदन का सम्राट बन ही गया। जिसका नाम था विलिंग्टन। यह सब आत्मविश्वास को जगाने वाले वे पुरुष हैं जिन्होंने निश्चित मन चाही सिद्धि पाई थी। | आत्मविश्वास को जगाने के लिए संकल्प की दृढ़ता के साथ धैर्य और साहस का होना भी आवश्यक है। यदि व्यक्ति कार्य करते करते ही मध्य में ही अधीर हो जाय तो वह मन चाही सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। धैर्य और साहस के साथ बढ़ने वाले इन्सान की भीतरी शक्तियां व्यवस्थित रूप से सक्रियता क॑ साथ चलने लगती है। अधीर व्यक्ति की चिन्तन क्षमता दबने लगती है। उसे रास्ता सही नजर नहीं आता। ऐसा व्यक्ति उन्मार्ग में जाकर भटक जाता है। धैर्य और साहस के साथ चलने वाला इन्सान एक न एक दिन सफलता पाता ही है। अमेरीका के भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन को सफलता पाने के लिए जिन्दगी में जबर्दस्त संघर्ष करना पड़ा। फिर भी घबराये नहीं, बल्कि दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते रहे, तभी वे राष्ट्रपति बन सके | कहते हैं कि लिंकन ने 1829 में व्यापार किया, उसमें भारी नुकसान हुआ | सन्‌ 1832 में लेजिस्लेचर का चुनाव लड़ा। उसमें हार गए। सन्‌ 1833 में फिर व्यापार तो उसमें भी नुकसान हुआ। सन्‌ 1834 में फिर नये जोश के साथ लेजिस्लेचर का चुनाव लड़ा तो फिर हार हो गई। इधर सन्‌ 1835 में लिंकन की पत्नी मर गई और 1836 में लिंकन स्वयं स्नायु रोग से ग्रस्त हो गये। जिन्दगी में इतनी बार हारने के बाद भी उस साहसी घेर्यशाली वीर ने सफलता की राह न छोड़ी | वे बढ़ते ही गए आगे | 1838 में स्पीकर का चुनाव लड़ा तो उसमें भी हार गए। सन्‌ 1843 में लेड अफसर की नियुक्ति में हारे | सन्‌ 1846 में, 1846 में कांग्रेस के चुनाव में भी हार हुई। इसी प्रकार सन्‌ 1855 में सीनेट के चुनाव मे भी लिंकन की हार हुई। इतनी जबर्दस्त हार के बाद भी लिंकन अपने पथ पर डटे रहे। साहस और घथैर्य को उन्होंने नहीं छोड़ा, लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प और घिर्य पूर्ण समर्पण के साथ वे झूके हुए थे। यही कारण था कि उनका आत्मविश्वास काम लाया और उन्होंने सन्‌ 1860 में प्रेसीडेन्ट का चुनाव लड़ा और इस बार विजय श्री ने उनके चरण चूम लिये। वे एक शक्तिशाली देश अमेरीका के राष्ट्रपति बन गए। 30 वर्ष 17




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