भारतीय इतिहास की रूपरेखा भाग - 2 | Bharatiy Itihas Ki Roop Rekha Bhag - 2

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Bharatiy Itihas Ki Roop Rekha Bhag - 2  by जयचन्द्र विद्यालंकार - Jaychandra Vidhyalnkar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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$ ९७६ 8 १७७ $ १७८ $ १७९ $.१८०' '$ १८१ 9 (८२ 9 १८३ $ १८४ १८५ ( २५ ) सुवर्णभूमि में पदिली आर्य वस्तियाँ और राज्य (ह्ग० १५० ई० पू०--५० ई०) बीखबाँ प्रकरण सातवाहन और ऋषिक-तुखार--पैठन और पेशावर के साम्राज्य ( क्षय० २६ ईैं० पू०--ल्ग० २२२ ई० ) ऋषिक राजा कुशाण (लग० २५ ६० पू०--लग० ३५ ई०) विम कफ्स (लग० ३५--६५ ३० ) और छुन्तल्ल सातकर्सि (अन्दाज़न ७२--८३ ई०) देवपुत्र कनिष्क (७८--१०० ई०) अ. कनिष्क संवत्‌ इ. कनिप्क का वृत्तान्त कहर पैठन और पेशावर साम्राज्यों की पच्छिम भारत में पहली कशम्रकश (ल्ग० १००--१०८ ३० ) कनिष्क (२), हुविष्क, चप्टन और गौतमी9५चन्र पुल्ुमावि (३) (लग० १०८--१४५ ३०) मद्दाज्षत्नप रुद्रदामा (लग० १३०--१५५ ई०) यौधेय गण न , तमिल और सिंद्दल राप्ट्रों की रंगस्थली ( लग० ८०-- १६० ३०) “मे, तामिल राष्ट्रों का राजनैतिक चित्र इ. संगमू-सादित्य और उस का राजनैविक नक्शा ... .उ. राजा ऋरिकाल ऋ, लाल चेर और गजबाहु ज्ष. नेडुंजेक्लियन पाण्ज्य (दूसरा) प््छ ८०५ ८१२ <१९ ट्श्र्‌ ८३९ ८३१ <८श्ट <४८ <प8 <६० ८२ ८ह्र टद्५ ८क््ट <७० ड्ज्र्‌




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