अनचान्हे गीत | Anachanhe Geet

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
945 KB
कुल पष्ठ :
58
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के र्द्द
किन हुकडो में टूटा मानव
अपने मानस को टटोलता है
घुटता हुआ बेमाने होता है
चाहत को अपनी समेट लेता है
ध्यासा है अधूय है बैटा हुआ
भटकता है लडखडाता है
उठकर दूरियाँ छूए किस छोर की
जब ख लुटता है अपना बिकता है।
इस दुनियों में फरेब बहुत
नाते रिश्तो का प्यार कम
अपना कहलाने वालो की देहलीज पर
ताडना अवमानना बनी ही रही।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...