मानसागरी पद्धति | Mansagri Padhti
श्रेणी : ज्योतिष / Astrology
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30 MB
कुल पष्ठ :
568
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)%# मान सागरी पद्मधतिः # (११)
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, पृथक २ फूल बारहों घरों के स्वामिश्रों के फल बारहों घरों में स्थित बारहों छग्नों
के फल बोरहों लग्नों के स्वाधिश्रों के फल फिर पड़वर्गमेत्रीचक्र पंचमहायरुद योग
इनका लेखन तथा फल तदनंतर सुनफा अनफा दुधेरा केमद् मे ओोसि बेसि' उमय-
चरी येगिनी इन सब योगें के लक्षण तया फल तदनंतर, राजयोग द्वादशायु
अर्गतिगंति नवग्रहचक्र नवग्रहों की दीप्तस्बस्थादि नो प्रकारों के लक्षण तथा फल
तदनंतर अरिश्मंग राजयोग फिर गजचक्रअश्यचक्र शतपद चक्र तय काौलानलचकऋ
चन्द्रकालोनल चक्र यम्रदंष्टोचक पज्रिनाहीयन्त्रन्क्त सवंतेभद्रचक्र चंद्रावस्थाचऋ
रश्मिविक्र रश्मिफल चोबीशप्रकाखल अए्टवर्गफलचकर मैत्रीचक्र महादशा विशोत्तरी
अष्टोत्तरी दशाओं के चक्र संध्यापोचक चक्र श्रतदेशाचक्र उपदर्शा चक्र' हम सबों की
लिखने की विधि ओर फल इतनी सब्र बाले' जन्प्रयत्र में लिखनी सुख्य होती हैं
ज़न्मपत्री बनाने वाले के। जम्मपत्री में ये सर बाते' लिखनी चाहिये | -
1 इति जन्मपत्नी विधि। [५ ४
_ तंत्रप्ंथमखेडवायाक्तशकानयनम ।
, क्किमादित्यराज्यस्थपंचत्रिंगोत्तरआतप ।
पातयित्वामवेच्छाकंचेत्राद्योत्तिययःस्मृताः ॥ १ ॥
विक्रमादित्य के राज्यकाल १८६० में से एकशतक ओर पेंतीश १३५ घटाने
से शाका निकलता है वह चेत्र शुरू प्रतिदा से गिनना चाहिये ॥
# उदाहरण %#
... जैसे सम्चत् १६६० का समय है उसमें १३५ घटाये तो शेष १प्पृप हुये बस
यही शालिवाहन शक हुआ ।
१-सस्वत्सर में १३५ इस लिये घटाया जावा है कि विकमादित्य राजा से
शालिवाहन राजा १३५ वर्ष पीछे हुआ था । यदि शकसे सम्बत् बनाना है तो शकमें १३५
ड़दो तो सम्बत् होज्ञायगा |
User Reviews
rakesh jain
at 2020-11-24 11:09:40