संगीत - सागर | Sangeet - Sagar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
318
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गा
इस कार सन्लीत सम्बन्धी अधिक से अधिक सामग्री देने की चेष्ठा की गई है,
फिर भी सल्लीतकल्ा अथाह हैः--
“तादाब्धेस्तु परं पारं नजानातिसरस्वती'
अतः जो कुछ है, आपके सामने उपस्थित है, इसे अपनाकर लाभ उठाइये ।
इस प्रन्थ की तैयारी में मुके अनेक सद्लौत विद्ानों एवं मित्रों ने लेख था स्व॒र-
लिपियां भेजकर जो उदारता दिखाई है, उनका में अत्यन्त आभारो हूं और आशा करता
हूँ कि वे स्गीतकला के प्रति ऐसा ही प्रेमभाव बनाये रकखेंगे |
हाँ, पाठकी को यह बता देना अनुचित न होगा कि इस “सद्नीत-सागर” सें
बहुमूल्य रत्न भरे हुए हैं। पाठक गण यदि. नियम पूवंक एक घण्टा अति दिन भी इस
सागर में गाता लगाते रहेंगे तो अवश्य ही वे उन रत्नों को प्राप्त करके सल्लीत लददरी का
आनन्द उठावेंगे, किन्तु सावधान ! बीच-बीच में जो लहर रूपी बाधायें उपस्थित हों,
उनसे ऊब कर निराश न हूजिये। 'परिश्रम्ी व्यक्ति के आगे सफलता हाथ बांघे खड़ी
रहती है!। इस वाक्य को सदा याद रखिये !
संगोत कार्यालय ल्् प्रभूलाल गर्ग
हाथरस ।
52
८
स््श्य्ज्श जड़
है
User Reviews
No Reviews | Add Yours...