हिन्दी प्रवेशिका पद्यावली | Hindi Praveshika Padyavali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
244
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बादल श्र
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ज्ख्च्ऊचल्स्च्य्म्स्स्स्ल्स्स्स्स्म्ल्ः
(८ ) बादल
झुरपति के हम ही हैं अनुचर,
जगत्पाण के भी सहचर।
मुग्ध शिली के द्रुत्य मनोहर,
ऊषक-बालिका के जलधर॥)
जलाशयों - में कमल-दलों सा,
हमें खिलाता नित दिनकर ।
पर बालक-सा वायु सकल-दल,
बिखरा देता, चुन सखत्वर ॥
लघु-लद्दगों के चल-पलनों में,
हमें झुलाता जब सागर ।
वही च्ील-सा झपट बाद गह,
हमको ले जाता ऊपर।ता
विएुल करुपभा-से त्रिथुबन की,
विविध रूप घर, भर चम-अंक |
हम फिर क्रीड़ा-कौतुक करते,
छा अनंत-डर में निःशंक॥
कभी चौकड़ी भरते सुग-से,
भू पर चरण नहीं धरते।
मच-सत्त गज् कभी ऊुूपते,
सज्ञग शशक बम को चरते)॥
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