पुष्कर सूक्ति कोश | Pushkar Sukti Kosh

Pushkar Sukti Kosh by श्री पुष्कर मुनि जी महाराज - Shri Pushkar Muni Maharaj

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री पुष्कर मुनि जी महाराज - Shri Pushkar Muni Maharaj

Add Infomation AboutShri Pushkar Muni Maharaj

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सूक्तियों की भाषा प्रांजल है परिष्कृत है और है सुसंस्कृत । भाषा के ही अनुरूप विषय सी आत्मिक गुणों पर आधारित हैं । इन युणों पर आधा- रित जो सूक्तियाँ संकलित की गई है उनमें उपाध्यायजी के साहित्यिक तपश्चरण के साथ-साथ भाध्यात्मिक आयाम का. आस्वाद एक स्थान पर ही किया जा सकता है । प्रसंग और सन्दर्भ को समझने के भार से विमुक्त सीघा और शुद्ध भावार्थ जानने के लिए यह संकलन परमोपयोगी प्रमाणित होगा । आज के व्यस्त और त्रस्त जीवनचर्या में कथावृत्त/इतिवृत्त पढने सुनने और समझने के लिए व्यक्ति के पास सुविधा और समय नही है । सार की बात संक्षेप में आज हर कोई सुनना चाहता है । इस दृष्टि से यह कृति अपनी उपयोगिता रखती ही है । साथ ही एक-एक विषय पर अनेक- अनेक भाववर्ती सूक्तियों का अभिप्राय यदि किसी को जानना हो तो यह कृति पथदायिनी प्रमाणित होगी । यदि कोई पाठक अथवा श्रोता उपाध्यायश्री द्वारा प्रणीत विगाल सहाग्रन्थों के पारायण और स्वाध्याय का साहस भौर समय नहीं रखता है तो उनके कतिपय ग्रन्थों का अशिप्राय-दोहन इस सुक्ति कोश द्वारा सहज में किया जा सकता है । दर्शन की शैली में यदि कहा जाय तो यह प्रयोग भाषा समिति से अनुप्राणित है । पुष्कर सूक्ति कोश का भक्त समुदाय स्वाध्यायी कुल तथा मनीषी मंडली हार्दिक स्वागत करेगा मेरा ऐसा विश्वास है । इस सूक्ति कोश के चयन की कल्पना और परिकल्पना उपाचार्य श्री देवेन्द्र सुनिजी की उ्वेरमेधा का फल है । उपाचायंश्री उपाध्याय श्री जो के परम निष्ठावान विनेय शिष्य ही नहीं एक सुर्धन्य मनीषी चिन्तक और जैन वाड मय के सफल दोग्धा कहे जा सकते हैं जसा कि वैदिक वाड मय में प्रसिद्ध है-- सर्वोपनिषदो गावों दोग्धा गोपालनन्दन वैसे ही उपाचार्य श्री देवेन्द्र मुनि आगम वाड मय के दोग्धा है यह मनभावन मधुर पय सूक्तियों के रूप में स्वंजन सुलभ किया है । इसका पान करने पर अवश्य ही प्राणीमात्र को तुष्टि पुष्टि प्राप्त होगी । ])




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now