राज सिंह | Raj Singh

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Book Image : राज सिंह  - Raj Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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राजासिंह पहिला अडडू व पहला दृश्य (सर्थान--उद्यपुर का एक प्रघान बाज़ार । समय ध्रात काल् 1 दो नागरिक सड़क पर खड़े बातचीत कर रदे हैं । बाज़ार बन्दबवार और पताकाओं से सजा डा दै ॥) वक नागरिक--रत्वतुला । सुना तुमने ? दूसरा नागरिक - सुनने की एक ही कही । मैं इन्हीं श्रॉखों से देखकर था रह हूँ । पद्चिला सागरिक--सच ? तो तुम श्री एकलिज्न गये थे ? दूसरा-नहीं तो क्या तुम्हें तो मालूम ही दै वहाँ मेरी साली का घर है | वही जो पद़िलां-( बात काट₹र) तो तुमने मद्दाराणा का रत्नतुला अपनी आँखोंसे देखा?




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