ज्ञान और कर्म | Gyan Aur Karm

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गुरुदास बनर्जी नाईट - Gurudas Banarji Naiit

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पं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१७ कन्याका चुनाव कौन करे ?--चहुविवाह ठीक नहदीं--विवाहका समारोदह--विवाहसम्वन्धका स्थितिकाल झक «न २० ख्रीको शिक्षा देना--ल्रीको सुखी रखना पर विछासप्रिय न वनने देना--स्वामीके प्रति खीका प्रेम और भक्ति--विवाहसम्वन्धका - तोड़ना «८ हा श्र सा का सस्र पेंडेंप चिरवेधव्य विघवा-जीवनका उश्चाददी है--प्रतिकूल और अनु- कूल युक्तियेँ। मय कि कि सर न पुन्रकन्याके सम्बन्धमें कतैब्यता--दासदासियोंपर भरोसा--रोगमें चिकित्सा और सेवासन्तानकी शिक्षा--आध्यात्मिक और नीति- शिक्षा--धर्मशिक्षा--पुत्रकन्याका विवाह गम न ने -उसामाजिक नीतिसिद्ध कर्म । सामाजिक नीति--साधारण समाजनीति--विशेष समाजनीति ,.. २७६ जातीय समाज और उसकी नीति--हिन्दूसमाजमें जातिभेद-- पड़ौसी समाज और उसकी नीति--एकधर्मावलम्बी समाज-- धर्मानुदीलन समाज--ज्ञानानुशीलन समाज--सभ्य निर्वाचनकी 'विधि-- भर न स्क सर न,» २८६ धनी और मजदूरोंका सम्बन्ध--हड़ताल--एकहत्था व्यवसाय-- वकील वैरिस्टरोंका कर्तव्य--चिकित्सकॉंका कर्तन्य--गुरुदिष्य- सम्बन्ध--प्रभुभत्यसम्बन्घ और उसकी नीति. ...« न ३०४ १--उराजनीतिसिद्ध कमें । राजाप्रजासम्चन्धका स्थूल निर्णय--इसकी सुष्टिके चिघयमें मत - भेद--इसकी स्थिति बे अ बस्ड >> डरे राजतन्त्र और राजाप्रजासम्वन्धके अनेक प्रकार--एकेश्वरतेत्र-- विदिष्ट प्रजातंत्र--साधारण प्रजातंत्र--भिन्न भिन्न कासनप्रणा- छियेंकि दोष गुण ... थ् के गा «न रेरे९, ब्रिटेन और भारतका सम्बन्घ--प्रजाके प्रति राजाका कर्तव्य-- राज्यकी शान्तिरक्षा--प्रजाकी प्रकृति और आवश्यकताओंका ज्ञान -रखना--प्रजाकी शवार्थ्यरक्षाका प्रवन्ध--जाने आनेके सुभीवे-- अ्रजाकी दिक्षाका प्रवन्ध--म्रजाको अपना सतामत प्रकट करने




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