ज्ञान और कर्म | Gyan Aur Karm

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Gyan Aur Karm by पं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कन्याका चुनाव कोन करे (--बहुविवाह ठीक नहीं--विवाहका समारोह--विवाहसम्बन्ध का स्थितिकाल টার १. २२० खीको शिक्षा देना--द्रीको सुखी रखना प्रर विलासभिय न बनने देना--स्वामीके प्रति रीका प्रेम জীহ भक्ति--विवाहसम्बन्धका तोडना # $ 9 9 ® ® 9 9 छ 8 8. ক কও কল २३५ चिरवेधव्य विधवा-जीवनका उच्चादर्श है--प्रतिकूल और अनु- कूद युक्तया ४ 9 ॐ ৬ ক গ্াঞ 2৩৩৬ २४७ ' पुत्रकन्याके सम्बन्धमें कतैव्यता--दासदासि्योपर भरोष्ा--योगमे चिकित्सा और सेवासन्तानकी शिक्षा--आध्यात्मिक और नीति- शिक्षा--धर्म शिक्षा--पुत्रक न्‍्याका विवाह हक »०० হও ४--खसामाजिक नीतिसिद्ध कमे | सामाजिक नीति---साधारण समाजनीति--विशेष समाजनीति,,. २७६ जातीय समाज और उसकी नीति--हिन्दूसमाजमें जातिभेद-- पड़ोसी समाज ओर उसकी नीति--एकधमीवरूम्बी समाज- धर्मानुशीलन समाज--ज्ञानानुशीलन समाज--सभ्य निवोचनकी विधि--- र ঠা দিন ও কর ই धनी ओर मजदूरोंका सम्बन्ध--हड़ताल--एकह॒त्था व्यवसाय--- वकीरु वैरिस्टरोका कर्तन्य--चिकित्सकोका कर्तैन्य--गुरुरिष्य- सम्बन्ध--प्रभुभव्यसम्बन्ध ओर उसकी नीति ,,, ১৯৯ ই +--राजनीतिसिद्ध कमे । राजप्रजासम्बन्धका स्थूर निणय--इसको खषशटिके विषयमे मत- भेद-ईइसकी स्थिति নি ५५ के ১১৯ ३२१ राजतन्त्र ओर राजाप्रजासम्बन्धके अनेक प्रकार--एकेश्वर॒तंत्र-- विशिष्ट प्रजातंत्र---साधारण प्रजातंत्र--मिन्न भिन्न ल्ासनश्रणा- लियोंके दोष गुण ... च र নী +> ३2९ व्रिटेन और भारतका सम्बन्ध--प्रजाके प्रति राजाका क्तैंव्य--- राज्यकी शान्तिरक्षा--प्रजाकी प्रकृति और आवश्यकताओं का ज्ञान रखना--प्रजाकी स्वास्थ्यरक्षाका प्रबन्ध--जाने अनेके सुभी वे--- ग्जाकी शिक्षाका प्रबन्ध--प्रजाको अपना मतामत प्रकट करने




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