ज्ञान और कर्म | Gyan Aur Karam

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Gyan Aur Karam  by गुरुदास बनर्जी नाईट - Gurudas Banarji Naiitपं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

गुरुदास बनर्जी नाईट - Gurudas Banarji Naiit

No Information available about गुरुदास बनर्जी नाईट - Gurudas Banarji Naiit

Add Infomation AboutGurudas Banarji Naiit

पं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey

No Information available about पं. रूपनारायण पाण्डेय - Pt. Roopnarayan Pandey

Add Infomation About. Pt. Roopnarayan Pandey

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
शुष्द थ-ज्ञानकी सीमा । अन्तर्टष्रिकी शक्ति सीमाबद्ध है--इन्द्रियोंकी शक्ति भी वैसी ही है-- कया ' और * क्‍यों” इन दो प्रइनोंका उत्तर--विषयका स्वरूपज्ञान असम्पूर्ण दे--मनोनिवेदा और विज्ञानचचीसे ज्ञानकी सीमा बढ़ती है--स्वरूप और निर्णय कठिन है, पर नियमनिर्ण य अपेक्षाकृत सदज दे नि ही न ० ८९ द--शानलाभक उपाय । ः थिक्षा--दिक्षाके विषय--शारीरिक शिक्षा--पोशाक--व्यायाम- निद्दा और बिश्राम--शारीरिक शिक्षाको आवश्यकता न ९५ मानसिकडिक्षा--नेतिककिक्षा कम बस १०३ आत्मविज्ञान--गणित--मनोविज्ञान--जडविज्ञान--जीवविज्ञान १०६ नेतिकविज्ञान--भाषा--सादित्य और दिल्प--इतिदास--समाज- नीति--अर्थनीति--राजनीति--व्यवह्दारनीति--धर्मनीति ... ११० शिक्षा प्रणाली--वद भिन्नमभिन्न देशों और समयोंमें कैसी थी-- शिक्षाप्रणालीके कुछ नियम--थिक्षाके उद्देय--प्रयोजनीय ज्ञान और सर्वाज्ञीण उत्क्साधन--विशेष ज्ञान--शिक्षा यथासाध्य सुखकर होना चाहिए--शिक्षार्थीकी शक्तिके अनुसार शिक्षा--- जो कुछ सिखाया जाय अच्छी तरह सिखाया जाय--सब काम यथानियम और यथधासमय करनेकी शिक्षा--श्रमसंदो धन--- दिक्षार्थीके लिए आत्मसंयम आवश्यक है--पहले वाचनिक और मातृभाषाशिक्षा आवश्यक है--क्रमशः पढ़ने लिखनेकी शिक्षा-- रेखागणितकी दिक्षा--भाषा और रचना-शिक्षाके विशेष नियम-- साहित्यिक और वैज्ञानिक रचनाप्रणाली--जातीयशिक्षा ११७ शिक्षाके सामान--शिक्षक--विद्यालय--छात्रनिवास--विश्वविद्या- लय--पुस्तक--पाठ्यपुश्तकोंके आवश्यक गुण और दोष-- पुर्तकालय--प्रेस--परीक्षावें बा १४० अनुशीलन--उसके अनेक उद्देेय--र्टतिशक्तिकी श्द्धिकि उपाय निकालना--भाषाशिक्षाके प्रशस्त उपाय निकालना--शात्रत- क्वॉको सरठ प्रमा्गोंसे सिद्ध करनेकी चेा--वैद्यक और हकी मीकी आषधघपरीक्षा--अपराधियोंका सुघार ... बह न गे




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now