शुक्रनीति | Shukra Niti

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Shukra Niti by खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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झुक्रनीतिकिविपयावुक्रमणिका | श्ड विषय. पूछ शी | विपय पूछ शो दडका लक्षण .....८८८ ८.८ -८८- ११०. ४० | तनुर्ज्जुपुवणुताटनयोग्य- दंडका प्रभाव............ ८८.८ कक १६५ ण राजा सदव धर्मरक्षाक लिये देइकी परीटपर मारे -....८८८ ११५ ८६ दंडघारी ट्ो ........८८८-- १९१५ 2४६ । नीच कम करनेवालेकां दंड ११५ ८७ द्ढ्ट्टा सपूणघमाको उत्तम । चंघका शोक्षा कदाप ने कर ११७ ८ डारण है --नरसमममसस्थसमस - १५१ 2८ असद्टापका दंड न दूत ११५७ ९० दर्जनांकी हिंसा अदिसा होती हैं ११९. ४९ | प्रजा कुव्ध ढोनेका कारण... १९०७ ९९ दंड दनेसे सजाको इ्टानिए- देशपार करने योग्यका लक्षण ११९५. ९३ फठकथनका कारण........ १९१. ५० मार्गसंरक्षणयोग्याका _ लक्षण ११६ ण् कलियुगमें आधा दंढ कहा ११९. ५४ | राजा संसगदूपितकों देड देकर युगप्रवर्तक राजा ट् सम्समरसस्थरसकर १९५ पण सन्मागंकी शिक्षा दें........ १९७. ६ थर्मिप्ट प्रणा दोनेका कारण... ११३. ए७ | रानादिकोंका बिगाड़ करने- पापी राजाकें राज्यमं समयपर चालकों शीघ्रद्दी नट्ट कर दें ११७... ७ मेवबृष्टि नद्दी द्ोती -....... ११२. ५८ | गणदुष्टता दो तव उपाय... ११७. ८४ ख्ण आर क्राधी राजाका | प्रजा अधमश्ञील राजाकों संदव नि अल सरस्टलस्सस्रर ११२ ९ भय दू.....८८.८८ -०पपरड०+ ११७ ए राजा काम क्लोंघ ओर लोमकी न अधमर्शीछ राना आर प्रजा स्मागिदि-ननन्न्ससमतससतरमननयण ११३६ ६२ |. तत्काछ नष्ट हों जाते दें... १९७ _ १० सूचकते देश नष्ट होता हे... १९३. ६३ मात्रादिकोंका त्याग करे तो उत्तम राजाका लक्षण..........- ११३. दूे गिगढवद्गनकरे .-...-.- ११७ ११ राजा पढ़िले आत्माकों नम्र करे १९३. ६४ | उत्तमादिक साइस टडका अपराधके चर भेद....- ११३. दुण |. लक्षण ८. ११७ १९ सार अपराधकी परीक्षा......- २६३. ६७ | पण आदिकोंका लक्षण ११७ १३ केवल दंडकें. योग्य पुरुपका कोड़ाका लक्षण _. ६१४. १६ लक्षण .८८-८८.०-तन००१० ११३ ६९ | कोशसंग्ऱका उत्तम प्रयोजन ११४. ९८ अवरोधके योग्य पुरुपका ल० ११४. ७३ | अन्यायोपार्जित कोशसे दुटफल ११८. २० संसंध आर नाचिकर्मके योग्य पात्रका लक्षण..८ न -- श्ह८ ९. पुसुद --पननरररारा १९४ ७६ | अपात्रका घन अवरय इण्ण आास्त्रोक्तदंडयोग्यपपुरुपलक्षण १९४ श्र भर र्जस्कममककणकरनामसकन ११८ २९ यावज्ञीव बंचनयोग्यलक्ष --.- ११०. ०१९ | अधमंज्ञीठट यजाका चन सन मागसंस्करणयोग्यपुरुषका छल ९१४ ८१९ प्रकारते दस्छें........- ११८ र३ थनगर्वस अपसाव करनेवालेको झाचुके अधीन राज्य होनेका . दुड॒......८--००००० म्टसमस्सससंल १६४. ८२ |. कारण... इरस्‍ रद बंघन और ताडनयोंग्यका तीमदेवकरसे कदापे काश- लक्षण ११५ ४ |. दृद्धि न करें .....००१+ ९१४ र्षे




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