मालवी कहावतें भाग १ | Malavi Kahaavaten Part 1

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Malavi Kahaavaten Part 1 by रतनलाल महता - Ratanlal Mahata

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मालघी कहदावनें भ् इन्हें सरकार से सन्‌ १६४४ में 20. 8. 0. का खिताब मिला शाप भूतपूर्ग मेवाड़ गवनेमेंट के महद्राज़ सभा ( दाइकोट ) के मेम्बर ( जज ) भी रह चुके हैं। इस तरह आपका मेषाड़ के विकास में पूरा २ योग रहा । विद्यापोक के प्रति आापका प्रेम घोर पदात्तमाष दे तथा संस्था के विकास में श्रापका पूर्णतः योग रहा है | संस्था की शोर से यह पुस्तक धापके दान के द्वारा दी प्रकाशित की ज़रा रही है २८-१०-४१ मन्त्री सादित्य-संस्थान राजस्थान विश्व विद्याषीठ उद्यपुर




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