आयुर्वेद का वृहत इतिहास | Ayurved Ka Varhat Itihas

Book Image : आयुर्वेद का वृहत इतिहास - Ayurved Ka Varhat Itihas

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अत्रिदेव विद्यालंकार - Atridev vidyalankar

Add Infomation AboutAtridev vidyalankar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बिपप प्रदेश भू सिखा है। सिकन्दर के कई प्री साथिया ने सी मारत पर छिलमे का प्रयास किया है। इनमें मुस्य नियार्कंस मानिसि आईट्स अर्स्टोबुषुस है। दुख है कि इनके सेस जब गद्दी मिस्ते । सीरिया के सम्राट सिस्यूकम का राजदूत मेमस्पनीज अश्दगुप्त मौप॑ के दरडार में बर्पों रहा था ! उसने अपनी पुस्तक 'इष्ट्रिा' में मारत के बिपम में बहुत कुछ लिका है। यह पुस्तक स्वत बप्राप्य है, परम्तु इसके उद्बरथ एरियन स्ट्रेबो आदि के प्रन्थो में माज मी सुरक्षित है। प्रीक भौर रोमत साहिर्म की भाँति चीनी साहित्य मी इस आर बहुत मदद देता है। 'बीगी साहित्य में फाहियान (१९९ ४१४६ ) युबातू ्याय (६२९ इ४पई ) गौर इस्सिप (६७५ ६९५ ई ) के धुत्तान्त महत्त्वपूर्ण हैं । टिम्बती ढामा तारानाप के प्रत्व मी महत्त्वपूर्ण है। इनके बाद मुस्छिम पपटको के बुतान्त भौ इतिहास की दुष्ट से महत्वपूर्ण है। इनमें मुस्य लेखक उस्वेस्नी है। इसनी प्रतिमा सर्वतोमुखी थी यह सत्तत का भी मसाबारण पश्शित था। महमूद के आतमर्णों में यह उसके साथ था । पुरातत्व धम्बत्बी सामएी समिलेख--जहाँ पर सादित्यिक सामए्री मूक एवं अस्पप्ट हैं, बहाँ पर उत्वीर्ष छेला से बहुत पहायठा मिछती है 1 एस बहुत से पिपालेश पा से पाँचवी छठी पूर्व तक के है। मे अभिलेख शिसाजा, स्यूपो प्रस्तरपट्टा दरी गुशा की दीवबारा मौर भातुपता पर छुद्दे हुए हैं। अविगतर उत्वीप सेल धाहरी छिपि में है महू छिपि थायी भोर से थाहिनी बोर छिशी जाती पौ। बुछ सेल सरोप्गी छिपि में मौ मित हैं. यहू लिपि बरबौ-पारसी की माँति दाहिगी मोर स धआामी शोर दिखी जानी है । इनमें अपोक के अभिलेख चिविस्सा-बिश्ञान की दुप्टि से महत्त्व पूर्ण है । भमिलेखा की माँति एतिहासिक दृप्टि से सिक्के इमारतें भी मदइत्वपूण सामप्ी हैं। इतमे निर्भिजम निदिचत करत में बहुत सदशायता मिथठी है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now