वैशेषिक दर्शन | Bashekshik Darshan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
111.36 MB
कुल पष्ठ :
166
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं राजाराम प्रोफ़ेसर - Pt. Rajaram Profesar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अभ* * आ<४ शसू०३।
। ...... है।गन्थ में भी गन्धपना थम है, क्योंकि वह गन्ध में प्रतीत होता
हर ... है; गन्थ घी है, क्योंकि उस में गन्थपन मतीत होता है । सो. हि
गा गन्थ युष्प का धम है, पर गन्धपन का घ्ि भी हे। इसी अकार
. सब्र ध्र्घामिभाव जानना । जो अनेकों का सांझा धर्म हो,
*.... उस को साध्म्य वा समान घर कहत हैं, जेसे गन्थ पुष्प और.
...... इतर का साधम्यसपान धर्म है । और जो अपना विपेश धर्म गा
..... हो, उस को वेधम्य वा विशेष धर्म वा विरुद्ध धर्म कहते है,
: लेसे पंखडियां पुष्प का इतर से वैधम्य है, और ट्रवत्व इतर
...... का पुष्प से वेघम्य है । इस प्रकार साधम्य और वैधर्म्य द्वारा
:..... जब समस्त पदार्थों का तत्त्वज्ञान हो जाता है, तब पुरुष मुक्त.
..... होताहै। इसलिए इस शास्त्र में समस्त पदार्थों और उन के धर्मों...
:.. का निरुपण आरम्भ करत हैं
पदार्थों का कथन इ मान भाव पदार्थों के आंमिप्राय से _
.... है, वस्तुत' अभाव भी एक अछग पदार्थ के रूप
.... आभिभत हैं अतरव 'कारणा भावाद कार्याभावः * (१.
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