मानवीय विद्युत के चमत्कार | Manviya Vidyut ke chamatkar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.16 MB
कुल पष्ठ :
74
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
जन्म:-
20 सितंबर 1911, आँवल खेड़ा , आगरा, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत (वर्तमान उत्तर प्रदेश, भारत)
मृत्यु :-
2 जून 1990 (आयु 78 वर्ष) , हरिद्वार, भारत
अन्य नाम :-
श्री राम मत, गुरुदेव, वेदमूर्ति, आचार्य, युग ऋषि, तपोनिष्ठ, गुरुजी
आचार्य श्रीराम शर्मा जी को अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) के संस्थापक और संरक्षक के रूप में जाना जाता है |
गृहनगर :- आंवल खेड़ा , आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
पत्नी :- भगवती देवी शर्मा
श्रीराम शर्मा (20 सितंबर 1911– 2 जून 1990) एक समाज सुधारक, एक दार्शनिक, और "ऑल वर्ल्ड गायत्री परिवार" के संस्थापक थे, जिसका मुख्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार, भारत में है। उन्हें गायत्री प
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( रस्
खींच दो । खींचते समय उस रेखा में श्रपनी विशुतमयी इच्छा
का समन्वय कर दो और बैठ फर तमाशा देखो । उधर से जो
चीटियाँ या इसी प्रकार के छोटे कीड़े निकलेंगे, उनके लिये यह
रेखा जलती हुई बालू की तरद ोगी । वे रेखा के समीप सक
जॉयगे, किन्दु उलटे पांचों लौट श्मादेगे, उसे पार करते उनसे
न बन पड़ेगा । यदि किसी छोटे कीड़े के 'यास पास ऐसी रेखा
खींच दी जाय तो उससे बादर न निकला जायगा श्र उसके
छान्द्र ही घुमड़ाता रदेगा। जब उसे कोई मार्ग न मिलेगा
और छपनी जान को दथेली पर रख लेगा, तव उस रेखा को
पार करने को उद्यत होगा । जब वद्द पार करेगा; तो उसे बढ़ा
कष्ट होगा 'और निकलने के बाद '्यानपूवंक देखने से बद्द पीड़ित
था पागल की तरह बेचैन दिखाई देगा ।
( ८ ) फोटो खींचना ।
फोटो खींचने के जो अच्छे प्लेट श्राति हैं, वे ाँखों की
'ापेक्षा प्रकाश को छधिक स्पष्ट 'अझल्लुभव कर सकते हैं, किसी
ऐसे अंघेरे कमरे में जाश्रो, जिसमें चादर का प्रकाश बिलकुल
न पहुँचदा दो और जिसमें प्लेट पर चाइरी प्रकाश लग जॉने .की
ध्ाशंका न हो । उस कमरे में लाकर एक फोटो का प्लेठ खोलो
श्यौर दो मिनट तक उस पर अपने हाथ का पंजा रखे रही, बाद
को सेट को सावधानी से ढक कर फोटोघाफर से घुनवालो । उस
पर दाथ के प्रकाश का चित्र बन जायगा ।
(६& ) चोका देना । ने
कोई न्यक्ति किसी कार्य में व्यस्त दो, तो चुपके से उसके पीछे
कुछ दूरी पर जाकर खड़े हो जाओ आर रीढ़ की हड्डी था गर्दन
का पिछला भाग जो खुला हुआ दो, उस पर चृष्टि जमाओ और
उसे चौंका देने की थावना करते रही । बद्द व्यक्ति कितने ही
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