बाल धर्म्म शिक्षक | Bal dhrmma shikshak
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.37 MB
कुल पष्ठ :
66
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पंडित काशीनाथ - Pandit Kashinath
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१ उत्तर--हिन्दू जाति की इस समथ बड़ी दुरदेशा है । सिलकर छतम करने की शक्ति का तो इन मं ्रभाव सा है । एक चर्ण दूसरे वर्ण से टेप करता है । छोटी छोटी विरादर्यिं तो इतनी चढ़ गई हैं कि उन का शिनना चुत कठिन हे । प्रश्त-हिन्टुों के वर्स कोन से हैं ? उत्तर--ब्राह्मण चत्री बेश्य और शूद्र । प्रद्स-एकिन लोगो का छादर होना चाहिए ? उत्तर-शुणो कर्मों चिद्या और योः्यता के झनुसार मनुष्यों को समाज में स्थान सिखना चाहिए । जिस में सच्चाई शल परोपकार नमूता न्याय विद्या झादि हे चह चाहे जि या देश में पेदा छुझा हो माननीय है । जिस में ये गण हीं किन्ठु वहुत से श्रवगण हैं चद् चाहे घाहण या राजकुल का ही क्यो न हो हमारी प्रतिप्ठा का पान्न न होना । पात की प्रथा केसे चली ? .उत्तर-देशान्तर गमन जीविका कमाने के श्खंख्य उपाय स्वार्थ सूर्खता छौर झसिमान-ही इस के मुख्य कारण हैं । पुराने ज़माने में यहां के निवासी
User Reviews
No Reviews | Add Yours...