रत्नाकर | Ratnakar

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Ratnakar by श्री जगन्नाथदास - shree Jagannathdas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१३. ुध्त बातें तथा विचार भी वे हमसे स्वच्छ हृदय से कह देते थे झौर साहित्यिक विषयों में तो हमें सदा अपने साथ रखने का संकल्प रखते थे । ऐसे एक मित्र की प्रथम वार्षिक जयंती पर उनके काव्यों का संग्रह प्रस्तुत करने में जो कुछ दृमसे बन पड़ा है उसके द्वारा हम अपना मित्र-ऋण चअंशत चुकाना चाहते हैं ओर यह श्रद्धांजलि उनकी स्वर्गीय आात्मा के अर्पित करते हैं । श्यामसुंद्रदास का ग




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