हिंदी भाषा पर पारसी और इंग्लिश का प्रभाव | Hindi Bhasha Par Parshi Or English Ka Prabhav

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Hindi Bhasha Par Parshi Or English Ka Prabhav by डॉ भोलाशंकर व्यास - Dr. Bholashankar Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ २ रचा की समातता- ४४ फारएी बाकयरचता पद्धति का प्रभाव- (१४४. फ़ारसी के पव-समह्दों था बागनांशों का हिंद में प्रपोम-१५० हंदी साहित्तकारों पर फांसी बाक्प रचता की साहित्यिक लैब का प्रमाव-१ ५८ ठपपंहाए, ६१ पृ (४३१६३ इ-जल्यकोशपत प्रमाथ पुण प्र्बंपरिवर्तल--प्रस्तावथता- ११६५४ बिदेशी शब्द संक्पा-१६६ हिंदी में प्ररषी-सारसी शब्दों का महत्व-11१ डिंगी में प्रात घरवी फ़ारसी -ुर्मि शश्दों का आकिरल-१७० लीवत के विशिलत छेत्रों से सम्बद्ध शम्प-१७१. प्रबंपरिषतत-११५ हिंदी पर्षपति ब्त कौ दिशाए - 1 ९६ मुददाबरे-२ है कहाबतें-२१६ । पृ ५५ १४ ग-्यंप्रेरी का प्रमाव श--स्वतिक्त अभाव--प्रस्तावता-रर भप्रथी पे ब्यलिसत सम्फक-२२४ प्र थी भ्यतिरचता का रमकप-२२७ मध् जी भाषा ये माई मत्तम्यलिपाँ-ग६९ ध्वतिजाँ को ते पा सबर-२१४७ सरसलीौक्त ध्वलियाँ-रपरे । पृ २९ रइके पए-पब्रचलाएत जलाथ--प्रर्ताववा-रध्ण हिंदी की पद एचला-र४३ हिंदी मे प्रयुक्त प प्र को एबिद्धतत्थ-र१ बपपर्ष- २४१. प्रर्यब-रर एसमास था मिश्ित शस्त्- इ६ लामिक-रश, सर्वतास-९४१, किया-प५३ बिशेषए-ग६१ भब्पब-ए६र । मू रण ए६र ३---बाक्पइचतालुलक प्रभाद--प्रस्तागता-ए५६१. बंप्रंयी दाक्व्रचता-पड़ति-रइ, श्रंप्रेबी बलबरबता पति का हिंदी पर प्रमांबव-२६१ हिंदी साड़ित्वकारों पर पंप्र की शैली बप प्रभाष-२७४ घपपहार-२ ३ । पृ ९९३६ उप भ-सल्यकोशपत प्रबाव पु पर्ष परिच्रतत--प्रस्तावता- रथ४ विदेशी शब्द संक्पा-र२ ६ हिंदी थे घाषत परप्र लो शब्तों का महृत्य-रंबहै,प श्र कौ शब्दों का धर्मीकरण २1६.ऐ ीषल के थिणिव केत्रों तै सम्बद शब्द-रशर. धभर्षपरि बतत-इर मुहाबरें- वर कददत-रध १ | पृ ए८४ १५४ प-उपसंहार पृ. इ४प-दे६४ ह-पुस्तक-सूक्ची कर जा पृ. बचा, इेडक




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