संजीवनी विद्या | Sanjivani Vidya

Book Image : संजीवनी विद्या  - Sanjivani Vidya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

Add Infomation AboutRamchandra Verma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
५ प्रजोत्पादन ओर आरत्म-संजीवन छूट गया जब कि वीयेकी रक्षा आर पवित्रताको सबसे अधिक मदद दिया जाता था और अब आचरणमें तो प्रायः पूर्ण रूपसे और तात्विक घिचारों तकमें बहुत बड़े अंशमें वह महत्व प्रायः नष्ट सा हो गया है। ब्रह्मचये- आश्रम अथवा विद्यार्थी-जीवनमें ही अब युवकोंका मन विषय-वासनाके जाठमें फैंस जाता है । दाहरोंकी भीड़-भाड़में रहने उपन्यास नाटक आदि पढ़ने सिनेमा आदिके दृश्य देखने तथा इसी प्रकारके दूसरे दृश्य और श्राव्य उत्कट शुंगारके कारण नवयुवक विद्यार्थियोंका मन पवित्र और स्थिर रहना प्रायः असम्भव हो गया है। ग्ृहस्थाश्रममें विवाहितोंमें तो इसका अतिरेक सभी जगह देखा जाता है साथ दी अविवाहितोंमें भी विचारोंकी पवित्रता कम होती जाती है और नीति-विरुद्ध आचरण बढ़ता जाता है । संन्यास आश्रम तो अब प्रायः रह ही नहीं गया हे । अनेक प्रकारके वैषयिक विचारोंसे लोगोंका मन कलुषित होने लगा है और स्वप्नदोष हस्तक्रिया अति ख्री-सम्भोग और व्यमिचार तथा वेइ्या-गमन आदि मार्गोसे समाजकी भीषण वीयं-हानि होने छग गई है। इस बातकी कल्पना कदाचित्‌ बहुत ही थोड़े छोगोंको होगी कि यह हानि कितनी व्यापक है और इससे कितनी बड़ी क्षति हो रही है । यह विषय बहुत ही सूक्ष्म है। सम्भव हे कि बहुतसे लोगोंको अनेक कारणोंसे इस सम्बन्धकी कही हुईं बातें अप्रिय जान पढ़ें और प्रायः सब जगह यहीं साहजिक प्रवृत्ति देखनेमें आवेगी कि इस प्रकारके पुराने विचा- रोॉंको जहाँका तहाँ रहने दिया जाय । ऐसी स्थितिमें शिष्टाचार और शिष्ट कठ्पनापर आघात न करते हुए हम यद्द अप्रिय सत्य शाख्रीय रीतिसे और दाकरासे अवगुंठित करके लोगोंके समक्ष उपस्थित करते हैं और जिन लोगोंको इस प्रकारके विचार अच्छे नहीं छगते उनसे क्षमा माँगते हुए इस विषयका विवेचन आरम्भ करते हैं । वीयंके अपव्ययके इमने ऊपर चार माग॑ बतलाये हैं । परन्तु उन चारोंका विवेचन करनेसे पहले हम यहाँ यह बतला देना चाहते हैं कि दारीरमें वीये किस प्रकार उत्पन्न होता है और उसका दाख्रीय या वैज्ञानिक दृष्टिसे क्या महत्त्व है।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now