तुलसी रसायन | Tulasi Rasayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30.02 MB
कुल पष्ठ :
262
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२० तुलसी-रसायन उनके शारीरिक मानसिक नैतिक किसी भी प्रकार के विकास में सहायक उनकी पारिवारिक श्रौर सामाजिक परिस्थितियाँ नहीं थीं अतः जो कुछ महा- नता इन्हें प्राप्त हुई वह परिस्थिति-प्रदत्त नहीं वरन् निजी प्रतिभा और शक्ति. के रूप में है । हाँ परिस्थितियों ने इनकी प्रतिभा श्रौर महानता को प्रखर श्र जाग6क रखने के लिये श्रवश्य सहत्वपू्ण काम किया | ऐसे ही जैसे कोई विषम श्र ग्रतिकूल परिस्थितियों के थपेड़े खाकर अपनी सामर्थ्य के प्रति सचेत हो जाता है वेसी ही शचेतना एएक असीम शक्ति के ऊपर विश्वास के रूप में तुलसी के भीतर जायत हो सकी । न राजनीतिक स्थिति . गोस्वामी ठलसीदास जी का प्रादुर्भाव काल १४वीं शताब्दी ईसवी का? अन्त अथवा १६वीं शताब्दी इंसवी का प्रारम्भ था । भारतीय इतिहास के अनु- सार उस समय पठानों (लोदी वंश) का शासन-काल समास हो रहा था तर सुगलों का भारतीय शासन-त्षेत्र में पदापंण । १५२६ ई० में बाबर ने इब्राहीम लोदी को परास्त किया श्रौर सन् १५२६ से १५३० तक दिल्ली का राजशासन किया । उसके बाद हुमायूँ का और सन् १४४५६ से १६०५ तक अकबर का. राज्यकाल रहा । पठानों और सुंगलों के शासनकाल के महत्वपूण अंश को ने अपनी आँखों देखा अथवा श्रुत अनुभव य्राप्त किया । बड़े-बड़े राजकीय _ परिवतन उनके समय में हुये । शासन को प्राप्त करने के लिये परस्पर लड़ाई | भऋगड़े उस युग की विशेषता थी । कया राजा क्या प्रजा सभी का जीवन 1 स्थिरता और सुरक्षा से हीन था । उस समय कुछ भी स्थायी न था । - है स्मिथ अकबर दि ग्रेट मुगल प्रष्ठ ११ 2. 00 ऐंट (एटा ते 2 पद धपणथा] दि 0 थे घसिचट्ट छोड हिट शाप एप्प 2. घाम्ा (0 फिट ठेटछफड 0 घाडटडप 05 (0. 0८. ह८्भ्किंणत ध्ात ८०ए5धपुण्ट्घए धरटाए घिि0्ट उ5 पट 210 ाट्द0 0 9०शघं०0० 107८ 4टएते5क% ८००ितिट०८८ ८ धर छक्ाइड 9 2 छक्टघठे रर०घंप्ट कै फटटप्ातटवा उबवश्ं३ उततंड . 9१ ०6180 56
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