मार्कोपोलो का यात्रा विवरण | Maarkopolo Kaa Yaatraa Vivaran

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Maarkopolo Kaa Yaatraa Vivaran by श्री रामनाथ लाल सुमन - Shree Ramnath Lal Suman

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामनाथ सुमन - Ramnath Suman

Add Infomation AboutRamnath Suman

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
मार्कोपोलों का यात्रा-विवरण शहन्शाह के हृदय में घर कर लिया। शहन्शाह ने उसकी योग्यता से प्रसन्न हो उसे दूसर दरजे का कमिश्नर ( राज-दूत ) बनाया और अपने दरबार का खास मुसाहिब बनाकर वजोरों की सभा में सम्मिलित कर लिया । धीरे र शहन्शाह का विश्वास उस पर दृढ़ होता गया और उसने उसे एक भारी काम पर ( जा तातार राज्य के शानसी शेनसी शिन्ववान यूनन क्यचू इत्यादि सूबों के राज्य-प्रबन्घ से सम्बन्ध रखता था ) नियत किया मार्को पोलो इन प्रदेशों - में गया श्रौर बड़ी सुन्दरता से अपना काये पूरा किया । वह जहाँ जहाँ से गुजारा वहाँ की विचित्रतायें वहाँ के निवासियों के आचार-विचार तथा सामा- जिक रोतियाँ उनके स्वभाव और उन जगहों की प्राकृतिक अवत्था तथा जलवायु इत्यादि के बारे में पूरा विवरण लिखता गया | अपने काम को पूरा करके वह बहुत जल्द लोट आया । उसके क्रम-बद्ध यात्राविवरण को सुनकर शहन्शाह अत्यन्त प्रसन्न हुआ ओर अब मार्कापोलों की इज्जत पहले से भी ज्यादा होने लगी । शहन्शाह उसकी योग्यता से इतना प्रसन्न हुआ कि २६ साल तक लगातार राज्य-प्रबन्ध-सुधार तथा अन्यान्य कामों के लिये उसे विभिन्न देशों में भेजता रहा । मार्कापोलों ने इन कामों को बड़ी खूबी से पूरा किया और उसे इन यात्राओं से बड़ा लाभ हुआ । यों भी उसने शहन्शाह से आज्ञा लेकर सुदूर पूवीय देशों की यात्रायें कीं और इस प्रकार पूर्वी देशों के सम्बन्ध की अनेक अज्ञात बात उसे मालूम हुइ । कितनी ही लाभदायक बातें उसने स्वयं सीखीं । उसकी इन सब यात्राओं का क्रमवद्ध बशन पाठक इस पुस्तक में पढ़ेंगे । यह पदला यात्री था जिसने एशिया के श्रनेक देशों को यात्राएँ कीं श्रौर उनका पूरा वर्णन लिखा । उसने इरान (फारस)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now