जर्मनी का विकास | Germany Ka Vikaas Part 1
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26.45 MB
कुल पष्ठ :
219
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दे की जो स्थिति आज कछ दे वहद आने में उसे और अनेक वर्षों तक राद्द देखनी पड़ती । इस युद्ध में जमे॑नी के अधिकार में बहुत सा देश आ गया ।. जीते हुए राष्ट्र से छड़ाई के खर्चे की बटढत बड़ी रक़म भी सिछी । इस युद्ध में जमेनी को यह स्राम्पत्तिक _ ढाभ तो हुआ ही परंतु साथ दी जमन ढोगों के विचारों में भी बहुत बड़ा परिवतंन हुआ और इस विचार-परिवतन से उन्हें जो छाभ हुआ वद्द साम्पत्तिक ढछाभ की अपेक्षा हज़ारों रुना अधिक था | इस विचारक्रांति के कारण औद्योगिक विषयों में जमेनी का सुधार केसे हुआ परदेश से व्यापार करने में किस प्रकार उसे यश प्राप्त हुआ इन बातों का विचार करने की यहां जरूरत नहीं हे आगे चल कर प्रसंगानुसार इन बातों पर विचार किया जायगा । यहां पर केवढछ जमन छोगों का बतांव व्यवहार और उनका नवीन स्वरूप किस प्रकार का दे इसी का परिचय करा देना आवइय जान पढ़ता है । जमेन विद्यार्थियों को जो दिक्षा आज कछ दी जाती दे वह इन चिह्नों में से एक चिह्न हे । जिस दिक्षा की सहा- यता से विद्यार्थियों के मन में भौतिक विषयों की आसक्ति उत्पन्न होती है उस प्रकार की शिक्षा पाठ्शाढछाओं और काढजों में दिए जाने की ओर जमंनों का खक्ष्य दे । हमारे कथन का यह तात्पय नहीं दे कि ऐसी शिक्षा देने का काये जमनी ने ही आरंभ किया अन्य राष्ट्रों को ऐसी शिक्षा पदछे नहीं मिछती थी भौर न अब मिठती है शिक्षा की यह प्रवृत्ति
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