श्री भक्तामर स्तोत्र | Shri Bhaktamar Stotra

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Shri Bhaktamar Stotra by नीरज जैन - Neeraj Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1114३ [ २९ ] (६ वीं शती ई०) (६४८ इंस्वी ) (९१५६-७४ ई०) (९६०-३० ईव) (९६७० ईस्वी) घनपात काश्यप. (६७०-१०१४ ई०) गोल्साचार्य भूपाल (ल० ९७५ ई०) अमितगति वादिराल रासनंधि मस्लियेज इखचंवि अभयदेव सुरि जिनचसा सुरि पस्पा देवी साधनंदि मुमि हेमचलूदाचाय (९७५-१०२० ई०) (१०२९५ ई०) (१०२५ ईस्वी) (१०४७ ईस्वी) (लग १०५० ईस्वी ) (१०६२-७५ ई०) (१०६८ ईस्वी) (ल० १०७५ ईस्वी) (लग रै १०० ईस्वी) (११०६-७२ ई०) जित बल्लभ सूरि (१११० ईस्वी) सुनिधना सूरि मौक्तिक श्रह्मशिय जिनदतस सुरि श्र्मघोच सुर कुसूदचलााचार्य (११११-१६ ई०) (१९१२० ईस्वी) (१९२५ ईस्वी ) (११२४५ ईस्वी ) (रै१२४ ईस्वी) (ल० ११२५ ईस्वी) अजित-शान्ति-स्तव (प्रा०) जिन-शतक शिव-महिस्निनस्तोत्र ! जिनाक्षर माले (क) शोभन स्तुति । ऋषभ पंचासिका [म) सूपाल चतुरविशति भावना दालिशिक। एकीभाव-रतोत्र, (कल्याणकल्प- द्ुम) अध्यात्माष्टक स्तोन, ज्ञान- लोचन स्तोल्र जिन-शतक ऋषिमंडल - स्तोत्र, पद्माबती- स्तोत्र, आदि पार्बनाथ स्तोव जयतिहुअण स्तोत्र [प्रा०) संवेग रंगशाला चतुर्भ नित (क) अहन्नुतिमाला, .... चतुरविशति स्तुति । वीतराग स्तोत्र महादेव स्तोब दो महावीर द्वार्सि शिकाएँ । अजित शांति-रूषु स्तवन, भाषारि वारणस्तोत्र, वीरस्तब, जिम कल्याण स्तोत्र श्राभातिक स्तुति । चरद्रनाधाष्टक (के) ब्रैलोक्य चूडामणि स्तोल (क) स्वार्ाधिष्ठायि. स्वोल, विष्म- विनासति स्तोत्र । ऋषिमंडल स्तोल । कल्याणमन्दिर स्तोत्र ।




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