गीता विज्ञान भाष्य भूमिका खंड 2 | Geeta Vigyan Bhashya Bhumaika Vol 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17.29 MB
कुल पष्ठ :
486
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मोतीलाल शर्मा भारद्वाज - Motilal Sharma Bhardwaj
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ने श्रस्तावना 8०
२-ज्ञानयोगपरीक्षा
क-लोकप्रचनित सख्यिनिष्ठा ।
ख-. . ,; ... योगनिश्टा।
गन ५ भक्तिनिष्टा ।
घ-निक्ष्ट ज्ञान कम्म-मक्तिनिष्ठा ।
*'झ-हेय ज्ञान-कर्म्म-भक्तिनिष्ठा ।
च-उपादेय ज्ञान कर्म्म-भक्तिनिष्ठा ।
छुन श्ाराध्या बुद्धियोगनिष्ठा ।
ज-निष्काम-सकाममीमासा ।
भ-नैण्कम्यलक्षण ज्ञानयोग ।
न-ज्ञानपरिसमाप्ति ।
समाप्ता चेय॑ ज्ञानयोगपरीक्षा
न, की
३--कमयोगपरीक्ता
कायोगसड्ति
१-कर्म्ममाग की दुरूहता ।
'२-सत्य-मिध्यामीमांसा ।
३-कम्मैतत्व के निशायक श्राचा्य |
मसन्नवनिरण
हु *
ख--वशव्यवस्था और वणप्रधान क्रम्मे
१-ज्रह्ममुज्ञाचातुर्वण्यसृष्टि |
१» ३७» भरत था राधरफग उभर ता आधा ७त था लाध्ाधत९/ ७ ााथततथध्भधथलररभतथतपरथ्ाथालच जा
२-वणतत्त्वरहस्यपरीक्षा |
३-वर्शुतच्त्वसमन्वय |
४-शदिति-दिलिमूलावणस्रुष्टि ।
५-बलानुगामिनीवर्णव्यवस्था ।
&-समाजानुगामितीवर्णन्यवश्था 1
७७-वणेव्यवस्थ। में खामाजिकवियन्त्रश ६
<८-वणेविभाग जन्मना है, 'मथवा कम्मेण £
&-गीताप्िष्द वर्णमिद एवं तन्मूजक धर्म्म
कम्मेमेदर 4...
9 ० भारती यवर्णव्यवस्था श्र 'एट्चिचयी
विद्वान ।
न खें->-
ग-ज्श्रमव्यवस्था और भ्राश्रमप्रधान कर्म
१-स्वतन्त्रता-परतन्त्रता की परिभाषा 1
२-ईश्वर की विसूति, एवं उस की प्राप्ति
के उपाय ।
३-आयु के ३६००० सूत्र |
४-झाश्रमविभाग का मौलिंक 'रदस्य ।
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