गीता विज्ञान भाष्य भूमिका खंड 2 | Geeta Vigyan Bhashya Bhumaika Vol 2

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ने श्रस्तावना 8० २-ज्ञानयोगपरीक्षा क-लोकप्रचनित सख्यिनिष्ठा । ख-. . ,; ... योगनिश्टा। गन ५ भक्तिनिष्टा । घ-निक्ष्ट ज्ञान कम्म-मक्तिनिष्ठा । *'झ-हेय ज्ञान-कर्म्म-भक्तिनिष्ठा । च-उपादेय ज्ञान कर्म्म-भक्तिनिष्ठा । छुन श्ाराध्या बुद्धियोगनिष्ठा । ज-निष्काम-सकाममीमासा । भ-नैण्कम्यलक्षण ज्ञानयोग । न-ज्ञानपरिसमाप्ति । समाप्ता चेय॑ ज्ञानयोगपरीक्षा न, की ३--कमयोगपरीक्ता कायोगसड्ति १-कर्म्ममाग की दुरूहता । '२-सत्य-मिध्यामीमांसा । ३-कम्मैतत्व के निशायक श्राचा्य | मसन्नवनिरण हु * ख--वशव्यवस्था और वणप्रधान क्रम्मे १-ज्रह्ममुज्ञाचातुर्वण्यसृष्टि | १» ३७» भरत था राधरफग उभर ता आधा ७त था लाध्ाधत९/ ७ ााथततथध्भधथलररभतथतपरथ्ाथालच जा २-वणतत्त्वरहस्यपरीक्षा | ३-वर्शुतच्त्वसमन्वय | ४-शदिति-दिलिमूलावणस्रुष्टि । ५-बलानुगामिनीवर्णव्यवस्था । &-समाजानुगामितीवर्णन्यवश्था 1 ७७-वणेव्यवस्थ। में खामाजिकवियन्त्रश ६ <८-वणेविभाग जन्मना है, 'मथवा कम्मेण £ &-गीताप्िष्द वर्णमिद एवं तन्मूजक धर्म्म कम्मेमेदर 4... 9 ० भारती यवर्णव्यवस्था श्र 'एट्चिचयी विद्वान । न खें->- ग-ज्श्रमव्यवस्था और भ्राश्रमप्रधान कर्म १-स्वतन्त्रता-परतन्त्रता की परिभाषा 1 २-ईश्वर की विसूति, एवं उस की प्राप्ति के उपाय । ३-आयु के ३६००० सूत्र | ४-झाश्रमविभाग का मौलिंक 'रदस्य ।




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