भारत में सशस्त्र क्रांति - चेष्टा का रोमांचकारी इतिहास भाग 2 | Bharat Me Sashstra Kranti-chesta Ka Romanchkari Itihas Vol - 2

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Bharat Me Sashstra Kranti-chesta Ka Romanchkari Itihas Vol - 2  by मन्मनाथ गुप्त - Manmnath Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारत में सशस्त्र क्रान्तिं-चेष्टा का रोमांचकारी इतिहास दूसरा माय प्रथम भाग का पुनश्च इस छोटे से श्रष्याय को प्रथम भाग का 208 800 याने पुनशच समझा जाय । यह किसी भी हालत में दूसरे भाग में नहीं रा सकता । न किष्ठी आादोलन का श्रवसान होता है, तो ऐसा एकाएक नहीं हो जाता । किसी श्रांदोलन के खतम दोते होते भी कुछ समय लगता है । श्रातइवादी क्रान्तिकारी झ्रादोलन के सम्बन्ध में मोटे तौर पर यह कहा जाना सम्मत्र होने पर भी कि उत्तर भारत में श्री चन्द्रशेखर झानाद के शद्दीद होने के साथ तथा ्ज्ञाल में लेवाज्ञ इत्याकाड के साथ इस धारा का झन्त हो गया, पर फिर भी कुछ छिटफुंट श्रातड,- बाटी गिरोइ कायम रहे, और उन्दोंने करीब-करीब दितीय मददायुद्ध के प्रारम्भ तक किसी न किप्ठी रूप में झपना श्रस्तित्व कामम रखा । ऐसे




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