गायत्री तंत्र | Gayatri Tantra
श्रेणी : ज्योतिष / Astrology
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.76 MB
कुल पष्ठ :
78
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( श्र )
युणाषबारा चिभड़ी तह्ठुचारि: ; थात्कारी थारचाथातां दोदिनी
चीन चत्सला ॥ ७४ ॥ दानचांतकरीडुगा डुग्पंखुर नि्वाद्दिणी ,
देवराति 1दूचायाओं ट्रापदों डुन्डाभस्वना ॥ ७५ ॥ देचयानां
उएपचासा दारिद्वय भेदिनीदिया , दामोद्र घियादीपा दिग्वासा
दिग्विमीहिंनी ॥७9६॥ दण्डकारण्य निलया दृण्डिनी देवपूजिता ,
देवयन्यादि चिपदा ड्ेपिणी दानचा छातिः ॥ ७७ ॥ दीनानाथ
स्तुत्तादीक्षा देचतादि स्वरूपिणी , घानीघननु धेराघेजु घोरिणी
घमेचारिणी ॥ ७८ ॥ घुरन्घरो घराघारा घनदाधान्य दोहिनी
घमव्पीक घनाध्यक्ा घन्नवेद विशारदा ॥ ७६ घतिधेन्या
भतपदा घमराज' प्रियाघुवा ; छूमावती धूमफेशी घमदशास्त्
प्रकाशिनी ॥ ८० ॥ नन्दानन्ट प्रियाचिद्रा चूछुतानन्द चात्मिक्ा ;
नमेदा नलिनी नीला नीलकंठ समाश्रया ॥ ८१ ॥ नारायण
प्रिचानित्या लिमेला नियुणानिधि: , निराघारा निरूपमा नित्य
'झुद्धानिसझ्ना ॥ <२॥ नादचिंदु कलातूंता नादचिंदु कला-
स्मिका , चुसिंदिनी नगधघरा दूपनाग विभ्रुविता ॥ <३ ॥ नरेक-
झ्लेच घामनी नारायण पदोद्ध॑ंचा , निरचच्चा निराकारा नारद
प्रिच फारिणी ॥ पे ॥ नाचाज्योति: खमाख्याता निधिदा
नि्मेछात्मिचों , नचसूत्र घरानीति लिसुपट्रचकारिणी ॥ <५ ॥
नस्दजा नचरलाख्या नेमिपारण्य वाखिनी ! नवनीत प्रियानारी
नीछजीं मूतनिःस्वना ॥ <द | निमेषिणी नदीरूपा नीलग्रीवा
चिशीश्वरी । नामावालिसियुम्सघ्वी नागलोक निचासिनी ॥५७]॥]
नवर्ज्ञाचूनद प्रख्या नागलोकाधि देवता । चूपुराक्नांत चरणा
नरचिस प्रमोदिनी ॥ पं८ ॥ निमझी रक्तचयना निर्धघात सम
निस्वना 1 नंदुनोद्यान निलया निव्यूंदों पारि. चारिणी ॥ <६ ॥
पायती परमो दारा पंर घ्नह्मात्मिकापरा । पेंचकोश विनिसुक्ता
: पंचपातक नाशिगी ॥ ९.० ॥ परचिक्न चिधानक्ञा पेचिका पंच
रूपिणी 1 एूर्णिमा परमा धीतें:” परतेजः प्रकाशिनी ॥ ९ ॥
पुराणी पोरुपी पुण्या पुण्डरीक निभेक्षणा । पाताल तल नि '
झा प्रीतापीति विवर्धिनी ॥ <२ पाचनीपांद सबिता पेदालापव
नाधिनी । प्रजापाति: पांरिश्रांता पचतस्तन मंडला ॥ ६ुइ ॥ पद
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