शिव संहिता | Shiv Sanhita
श्रेणी : हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.59 MB
कुल पष्ठ :
212
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाषाटीकासाहिता पटल १« ्
हे उस कर्मकाण्डमें दो प्रकार हैं एक निषेष दूसरा विधि;
निषेध कम करनेसे निश्चय पाप होता है विधान करें
करनेते निश्वय करके पुण्य होता है ॥ २० ॥ ॥ २१
निविधो विधिकूटः स्यान्नित्यनैमित्ति- -
काम्यतः ॥ _नित्येश्कते किल्विष॑
स्यात्काम्ये नैमितिके फलम् ॥ २२ ॥
टीका-विधि कमेंमें तीन प्रकारका भेद कहा हे
नित्य १ नेमित्तिक २ सकाम ३ नित्यकमे संध्या देवा-
चैन आदि न करनेसे पाप होता है सकाम अथोत
जो कमे फ़ठके इच्छासे किया जाता हे और नेमि-
त्तिक जो तीथींमें पवोदिकमे स्रानादिक करते हैं
इनके न करनेसे पाप नहीं होता परन्तु करनेसे फठ
इोताहै॥ र२॥
द्विविषं तु फ् जय स्वर्ग नरकमेव
च ॥ स्वर्ग नानाविष॑ चेव नरके च
तथा मवत् ॥ .९३ ॥
टीका-फ दो प्रकारका होता हे स्वगे और नरक
'स्वगे नाना प्रकारका है ऐसेही नरकभी बहुत प्रकारका
हे तात्पये यह हे कि जेसा जो मनुष्य झुभाझुभ करे
करता हे वेसेही नरक वा स्वगेमें जाता हे ॥ ९३ ॥ .
पुण्यकर्माण व॑ स्वगा नरक पापक-
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