भारतीय युद्ध | Bhartiya Yuddh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.24 MB
कुल पष्ठ :
348
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ग (छ)]
हुआ सन्देशा १७४, १७५; धर्मराज पांच यार्वे सॉंगते हैं १७६:
कौरवों की गुस सलाह १७६-१७९; पांडवीं की शुप्त सलाह १७९-
१८१५ द्रौपदी का संताप १८१-१८३; श्रीकृष्ण का हस्तिनापुर आरा-
मन १८३, १८४; कुंती का अपने पुर्घी को. सन्देदा १८४, १८६
ध्राकृष्ण का. कॉरव-सभा में सापण १८७--१८९; दुर्योधन का दुराग्रष्ट
१९०, १९१५ श्रीकृष्ण को कंद करने का प्रयत्न १९२; भीप्म-द्रोण
के ब्रताव की सोमसांसा १९४; श्रीकृष्ण और कर्ण की बातचीत १९५,
१९६; कर्ण ने फुंती को बचने दिया १९७; सेनाएं कुरुक्षेत्र में जसा
होदी हैं १९८, १९९ |
सातयाँ प्रकरण ।
युद्ध का पएूवेधाग ... ....... ... पू० २००-२९६
व्यास का भविप्य-कथन २००; अजुन का मोद्द २०१) कृष्ण का
उपददा २०२, २०३; मभीष्म-द्रॉोण आदि का युर्घिषट्रिर को आाधीवाद
२०३, २०४; युद्ध का पारम्भ २०५; आाठ,दिन का युद्ध १०६-
२०९; नवव दिन का युद्ध २०९, स१०; भीप्स-चध का उपाय २११,
२१९; दसवें दिन का युद्ध २१२, २१३) मीप्म थारपंजर में पदते
हूं २१३-२१६ |
ाठवाँ प्रकरण |
घनघोर युद्ध ... लि दस पू० २१९६-२४
द्लोण सेनापति २१६, २१७; व्यूदरचना और युद्ध २१७, २१८
भगदत्त-चघ २१९, २९०५ अभिमन्यु व्यद्द भेद करता है २२१, थामें
मन्यु का चोये २२२; अभिमन्यु-वघ २९३; अर्जुन की प्रतिज्ञा २९४
रर५; जयद्रथ-वघ २२६, २२८; घटोस्कच-वघ २२९, २३०
युघाष्टिर का पातक २३१, ९३२; द्रोण-बघध २३२-२३४ |
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