प्रतापगढ़ राज्य का इतिहास | Pratapgarh Rajya Ka Itihas

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Pratapgarh Rajya Ka Itihas by महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha

Add Infomation AboutMahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हू थ विषय पूछाक्ू बाघसिंद ०० ७०७ ७७ ब०्७ ७४ राज्यप्रात्ति कक नमक रैक ७्छ बाघर्सिद का खानवे के युद्ध में महाराणा के साथ रद्दना ७ बाघर्सिइ का मालवे में जाना पक नस ७४ बद्दादुरशाद्द की चित्तौड़ पर घढ़ाइयां कर ७६ खित्तोड़ की रक्ताथे बहा दुरशाइ से लड़कर बाघरसिंद का मारा ज्ञाना ७८ याघर्सिद की राशियां श्रौर संतति शक पद रावत बाघर्सिद्द का व्यक्तित्व न कर प्प्छे रायसिंदद नम मय सब्र ४ राज्यशापि का सम भर ८ धघाय पन्ना का दनवीर के डर से उदयरसिंद को रायसिंद्द के पास ले जाना कक प्र बनवीर को चित्तौड़ से निकालने के लिए रावत रायसिंद का मद्दाराणा की सद्दायता्थ जाना पद रायसिंद का देद्दास्त झौर उसकी संतति गकर घ्प विक्रमसिद खीका कि का थक बक्क जन राज्यप्रात्ति ७०० ००० ००० ६५ सादड़ी की ज्ञागीर छूट जाने पर विक्रमर्सिद का कांठल में जाना शक कक ० दाजीख्रां की सद्दायताथे महाराणा के साथ कुंचर सेजसिंद को ससगो स न भा ६१ विक्रमसिंद का सुद्दागपुरा खेरोट कोटड़ी नीनोर दक्लोट श्रौर पलथाना पर झधिकार करना ४ ख्यातें श्र देवी मीणी की सदति में देवलिया बसाने की कथा... ६६ कांधल को घमोतर सुरताणसिंद को ढोढस्थास्ेड़ा और विज्यसिंद को खेरोट की ज्ञागीर देना कर ह७




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now