जैन तत्त्व प्रकाश | Jain Tatav Prakash

Book Image : जैन तत्त्व प्रकाश  - Jain Tatav Prakash

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अमोलक ऋषि - Amolaka R̥shi

Add Infomation AboutAmolaka Rshi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
[. ६० । . छोड़ निहुवांकों संग शान रुप लागों रंग दयादान रुचि जांफी यड़ी ही पुन्याई है । गुरु गीतारथ सेटी मिथ्यामत टियो मेंटी भ्माकों सागर मेटया सुखदाई है । उत्ती ऋद्धि खिटिकाय संजमस मनठाय सुगणा मगन मुनि बड़ा शुरु भाई है । सवइवो सवायो कीनो घनासरी नाम दीनो कूपा राम द्यावान कीरत सवाई हैं ॥२५॥। उगणीसे साल चत्तीस सचइया कीना छवीस सुणमति कीजो रीस हमें धारओों चाखोले नरके जाय कद ठाणा अ'गर्माय ओरह्दी सिद्धान्त सुग हृदय विचारजों जीवके चचाया मांही ज्ञानी पाप को चांदी अज्ञानीके चचेनांने दूंरांड निवार जो । अनन्ते चोवीसे जिनधम कद भिन्न सिन्‍न इस नहीं क्यो मत जीवाने उवार जो । सवदयो सवायो कीनो घनासरी नाम दीनों कपाराम कद्दे जीव दया नित पाठजों ॥२६॥ के इति




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now