पाश्चात्य शिक्षा का इतिहास डॉ. सरयू प्रसाद चौबे - Dr. Saryu Prasad Choubey | Pashchatya Shiksha Ka Etihaas

Pashchatya Shiksha Ka Etihaas by डॉ. सरयू प्रसाद चौबे - Dr. Saryu Prasad Choubey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[. ४. _ बारहवाँ श्रध्याय रोमी शिक्षा १११-१२७ _ १--रोमी दिक्षा की रूप-रेखा १११-११४, प्रथम काल ११५-११७५ 'द्विवीय काल ११७-११६, तृतीय काल १२०-१२२, चतुधं व श्रस्तिम काल १२२-१२४, सारांश १२४५-१२७ । तेरहवाँ भ्रध्याय क्विन्टींलियन २ र८-१३५ क्विन्टीलियन का महत्त्व १२८, क्विन्टीलियन का शिक्षा-सिद्धान्त १२६, व्बिस्टीलियन का प्रभाव १३२, रोमन-सम्यता का ह्लास श्रौर नई दिक्षा-प्रशाली की श्रावइ्यकता १३२, सारांश १३३, सहायक अन्य १३४ | ः चौदहवाँ अध्याय पद ईसाई धर्म की स्थापना... १३६-१४० तमम्द ईसा मसीह का जीवन १३६, रोम में ईसाई घ्मं का प्रचार १३७, साम्राज्य से संघष १३७, साम्राज्य में ईसाई धर्म का श्रादर १३७, समाज पर प्रभाव १३८, संस्कृतियों का संघर्ष १३८, दादांतिक प्रभाव १३८, ईसाई धर्म की देन १३४, सारांश १३६, सहायक ग्रन्थ १४० पन्द्रहवाँ भ्रध्याय ईसाई शिक्षा का प्रारम्भ १४१-१४८ ईसाई धर्म के प्रचार से नई जागृति श्रौर शिक्षा में नया दृष्टिकोण १४१, सामाजिक समानता १४१, धर्म और जीवन में एकता १४२, ''दिक्षा का उदर्य १४२, दिक्षा के विषय १४२, दिक्षा का संगठन १४३, कंटेक्युमेनल स्कूल १४४, कटेकेटिकल स्कूल १४५, एपि- सकोपल एरड कंथेड्रल स्कूल्स १४६, स्त्री-दिक्षा १४६, सारांश, १४७, सहायक ग्रन्थ २४८ । नसस्डगारटपशकदालियसस्टसुरससिदलससलकसनियइसलकप सपना द हि भ लि कि द ि व दनकतििसकसपल सदर, पप्मवयाकस्यययलदमपमदन्टटु न सदा




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