फाग चरित्र | Fag Charitra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24.59 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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चौपाई 1
|... सुरतबिचित्रा नारि नवेली । खेलु फाग कहूँ |
| ज्ञाति अकेली ॥ काहें बदन दुरावत गोरौ । ने-
ननि नेकु चित सो ओरी ॥ हरख मनावह सब
कर छोरी । पतिब्रत घरम त्यागु भर होरी ॥ बो- |
| लति नाहिं लाज की मारी । नई बधू नहिँ घूं-
| चटठ टारी ॥ सुनि सुनि प्रभु बचनानि सकाती । |.
कर इड्ञित करि बरजति जाती ॥ दे गारी हँसि
चले कन्हाई । अपर नारि पहँ पहुंचे घाई ॥ कहे |
| बिहँसि यह फाग-बहारू । बीरी अँचरा उड़त |
सम्हारु ॥ छाड़ उरोज-गरब रो ग्वारी । यह गिरि |
| ते सन्दर नहिं भारी ॥
दोहा ।
| ज्ञाबिघिपतिरतिबसकरति कोककलाकरिनारि ।
खेलु फाग सोइ चाव सों यह बहार दिन चारि॥
सोरठा ।
पिचुकारी की घार, कुच नौबी लौॉ लगि रही । |
|! ठुठति न फूदी तार, मनइ रंग सोती खुली ॥
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