इस्लाम धर्म की समीक्षा | Islaam Dharm Ki Samiksha

Islaam Dharm Ki Samiksha by गणपति राय - Ganpati Rai

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about गणपति राय - Ganpati Rai

Add Infomation AboutGanpati Rai

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
/ ३०. जि० -- खुदा एकदेशी है या सब जगह हाज़िर नाज़िर है । मौो०--खुदा सब जगह हाज़िर नाजिर है। ३१ जि०-जब खुदा हर जगह हाजिर नाज़िर है ता फिर मोह- म्मद साहब उससे मिलने के लिये सातवें झासमान पर क्यों गये ? मौ०--खुदा ने जबरइल फ़रिश्ते की मारफ़त हमारे नबी मोह- म्मद साहब को मिलने के वास्ते चुलवाया था । ३२ जि८ - कहां से घुलाया था ? मौ०--मक्का दरीफ़ से । ३३ जि०-- क्या उस समय खुदा मध्य झारीफ में नहीं था और क्या बह किसी खास जगह वेठा दुआ था ? मो०--में कुछ नहीं कहना चाहता । ३४ जि० - मेंराज के सम्बन्ध में लिखा है कि परदे के भीतर से कई बार आवाज़ आई कि ऐ मोहम्मद पास शा पास आ क्या यह बात सच है ? मी ० हाँ सच दें । ३५ जि०--यह आवाज़ किसकी मानी जाती है ? मो०--खुदा की । ३६. जि०--क्या खुदा आवाज़ दे सकता है क्योंकि आवाज़ बिना जबान के नहीं दी जा सकती । मौ०--खुदा सब कुछ कर सकता है. क्याकि वह स्वेदक्तिमान्‌ उसके कामों में संभवासंभव की शंका नहीं हो सकती ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now