शांति - यात्रा | Shanti Yatra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.18 MB
कुल पष्ठ :
139
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य विनोबा भावे - Acharya Vinoba Bhave
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१० शांति-यात्रा सबसे पहले हम इन्सान हैं दारणाधथियों को बसाने का काम जल्दी होना चाहिए इस बात में हम सब हमराय हें। वह जल्दी नहीं हो रहा है तो कहीं-न-कहीं गलती है उसको हमें दुरुस्त करना होगा । उसके बारे में तफसील से विचार करना होगा । अभी में सिर्फ दो बातें कहना चाहता हूं । एक तो यह कि पाकिस्तान क्या करता हे यह देखकर हम यहां काम न करें । उस खयाल से तो हम अपने को दूसरों के हाथों में छोड़ देते हैं । फिर वह जैसा चाहेगा दैसा हमें बनायेगः । यह ठीक नहीं है । हमें पहल करना इनीशिएटिव्ह अपने हाथ में रखना चाहिए । और जो ठीक बात लगती है करनी चाहिए । जनता तो नेताओं पर भरोसा रखकर चलती है । जो राह उसको बताई जायगी उस पर वह चलेगी । लोगों को सही रास्ता बताना नेताओं का काम हैं। और सही रास्ते पर चलने से ही ताकत बढ़ती है । दूसरो बात अभी एक भाई नें कहा कि हम हिंदू हैं या मुसलमान हैं इस तरह सोचना छोड़कर हम सब हिंदुस्तानी हैं ऐसा मानें । इसको में एक हृद तक मानता हुं। लेकिन हमें तो यही विचार दृढ़ करना चाहिए कि सबसे पहले हम इन्सान हूं बाद में सब कुछ हें । क्योंकि हिंदुस्तानी के अभिमान
User Reviews
No Reviews | Add Yours...