धर्म्मशास्त्र अर्थात पुराना और नया धर्म्म नियम | dhammra Shastra 1940 ac 743
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
83.34 MB
कुल पष्ठ :
1055
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)११, अध्याय !
उत्पत्ति ।
१३ तर एक जन जो भागकर बच राया उस ने जाकर इव्री ! वचन उस के पास पहुंचा कि यह तेरा वारिस न होगा
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झन्राम के समाचार दिया झन्नाम तो एमोरी मम्रे जो
एशुकाल भर आने का भाई था उस के बांज ब्रक्षों के
बीच में रहता था श्रौर ये लोग अबराम के संग वाला
बचे हुए थे । यह सुनके कि मेरा भतीजा बंधुआई में
गया श्रत्माम ने अपने तीन सी भ्रठारह सीखे हुए दासों
को जो उस के घर में उत्पन्न हुए थे हथियार बन्धा के
दान खों जन का पीछा किया, और अपने दासों के अलग
अलग दल धान्थकर रात के उन पर लपकक्र उन के
सार लिया भर होबा लॉ जो दमिश्क की उत्तर ओर है
उन का पीछा किया । भर बह सारे धम के श्र शपने
भतीजे लूत और उस के धन के शऔर स्त्रियों के और
सब बंधुझों के फेर ले शझाया | वद कदेरलश्रीमेर
अर उस के संगी राजाओं के जीतकर लौटा श्राता था
कि सदोम का राज शाते नाम तराई में जा राजा की
मी कहावती है उस के भेंट करने के श्राया । तब
शालेम का राजा मेलुकीसेदेक जो परमम्रधान ईश्वर का
याजक था सा रोटी शरीर दाखमधघु ले शाया । श्र
उस ने अबराम के यह आशीर्वाद दिया, कि परमप्रधान
ईश्वर की श्रोर से जो झाकाश भर प्रथिवी का अधि-
कारी है, तू धन्य हा । और धन्य है . परमप्रधान दैश्वर
जिस ने तेरे द्रोहियों के तेरे वश में कर दिया है । तब
श्रज्नाम ने उस के सब का दशमांश दिया । तब सदाम
के राजा में श्रनाम से कहा प्राणियों के तो मुझे दे और
धन के श्पने पास रक््ख | शब्राम ने सदोम के राजा से
कहा परमप्रधान ईश्वर यहोवा जो आकाश श्र प्रथिवी
३ का 'अधिकारी है उस की मैं यह किरिया खाता हूं, कि
जो कुछ तेरा है उस में से न तो मैं एक बूत और न
जूती की बन्घनी न केाई श्र बस्तु लुंगा ऐसा न हो कि
वृ कहने पाए; कि जाम मेरे ही द्वारा धनी हुआ । पर
जो कुछ इम जवानों ने खा लिया हे श्रौर श्रानेर एश्कोल
और मम्ने जा मेरे संग चले थे उन का भाग मैं फेर न दूंगा
बे तो अपना अपना भाग ले रक््खें ॥|
(इलादोम के साथ यहोवा के व।चा बांधने का वणम)
१५५, टूने बातों के पीछे यहोवा का यह वचन दर्शन
में अन्ञाम के पास पहुंचा कि हे अनाम
मत डर तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा फल मैं हूं ।
अनाम ने कहा हे प्रभु यहोवा मैं तो निवेश हूं और मेरे
घर का वारिस यह दमिश्की एलीएजेर होगा से तू मुझे
क्या देगा । और अबराम ने कहां मुकके तो तू ने बंश
नहीं दिया और क्या देखता हे मेरे घर में उत्पन्न
हुआ एक जन मेरा बारिस होगा । तब यहोवा का यद
तेरा जा निज पुत्र होगा बही तेरा वारिस होगा। श्र
उस ने उस के बाहर ले जाके कहा आकाश की थोर
दृष्टि करके तारागण के शिन क्या तू उन के गिन
सकता है फिर उस ने उस से कहा तेरा वंश ऐसा ही
होगा । उस ने यहोवा पर विश्वास किया भर यहोवा
ने इस बात के उस के लेखे में धर्म गिना । और उस
ने उस से कहा मैं वह्दी यहोवा हूं जो तुमे कसदेयों के
ऊर नगर से बाहर ले भ्राया कि तुम का इस देश का
अधिकार दूं । उस ने कहा हे प्रभु॒यहोबा मैं कैसे जान॑ं
कि मैं इस का अधिकारी हूंगा। यद्दोबा ने उस से कहा
मेरे लिये तीन बरस की एक कलोर ओर तीन बरस की
एक बकरी झौर तीन बरस का एक मेंढ़ा और एक
पिश्डुक और पिरडुकी का एक बच्चा ले । इन समभों
के लेकर उस ने बीच बीच से दो दो टुकड़े कर दिया और
टुकड़ों के श्राम्हने साम्हने रक््खा पर खिड्ियाओं के
उस ने दे दो ढुकड़े न किया । और जय जब मांसाहारी
पक्षी लोथों पर भपटे तब तब श्ब्राम मे उन्हें उड़ा
दिया । जब सूय श्रस्त होने लगा तब श्ब्राम के भारी
नींद आई और देखा अत्यन्त भय और महा भन्धकार
ने उसे छा लिया । तब यहोवा ने श्ब्राम से कहा यह
निश्चय जान कि तेरे बंश पराये देश में परदेशी होकर
रहेंगे और उस देश के लोगों के दास हो जाएंगे श्र
थे उन के चार सौ बरस लों दुःख देंगे । फिर जिस
जाति के बे दास होंगे उस के मैं दण्ड दूंगा श्र उस
के पीछे वे बड़ा घन लेकर निकल श्ाएंगे । तू तो अपने
पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा तुझे पूरे बुढ़ापे
में मिट्टी दी जाएगी । पर वे चौथी पीढ़ी में यहां फिर
आएंगे क्योंकि अब लॉ एपमोरियों का शअघम्म पूरा नहीं
हुआ । जब सूय्य अस्त हो गया और घोर अन्धकार
छा गया तब एक धूअ। उठती हुई श्रंगेठी और एक
जलता हुआ पलीता देख पड़ा जा उन टुकड़ों के बीच
होकर निकले गया । उसी दिन यहोवा मे झन्ाम के साथ
यह बाचा बान्धी, कि मिख के महानद से लेकर परात
नाम बड़े नद लों जितना देश है उसे, श्रर्थात् केनियों,
कनिशियों, कदूमानियों, हित्तियों, परिडियों, रपाइयों,
एमेारियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यत्रशियों का देंश
तेरे वंश के दिया है'!। पक ः
(इश्माएल की उत्पत्ति का बणन)
थ | झूम की ली. सारे तो कराई सन्तान न
क जनी और उस के हागार नाम एक
मिस्री लौंडी थी | ले सार दे सनम. दे .कह्दा सुन थद्दोवा,
हर
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