महादेवी का काव्य साधना | Mahadevi Ka Kavy Sadhana

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Mahadevi Ka Kavy Sadhana by सत्यपाल चुघ - Satyapal Chugh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महादेवी की कृतियाँ श्रीमती महादेवीजी वर्मा हिंदी साहित्य की करुणा-प्रघान महान्‌ कवयित्री है । उनकी क!व्य-कृतियाँ काल-क्रमानुसार निम्नलिखित है-- (१) नीहार--रचना-काल १९२४--१९२८ गीत सख्या-४७ (२) रहिम व १९२८--१९३१ डे शाएर५ (३) नीरजा कि १९३१--१९३४ ,,.. १, (४) साध्यगीत .. ,, १९३४--१९३६ ,,. ४५ इन चारो कृत्तियो का संकलन 'यामा' नाम से १९३६ में प्रकाशित हुआ जिसमें एक सौ पचासी गीत है । (५) दीपदिखा--अरचना-काल १९३६--१९४२ (गीत स० ५१) १९४६ में वगाल के अकाल पर अनेक कवितायें लिखी गई 1 प्रयाग महिला विद्यापीठ (महादेवी जिसकी मुरयाध्यापिका है) द्वारा इन कविताओं का सकछन 'वग दर्शन' नाम से प्रकाशित हुआ । उनमें भी महादेवी की एक कविता 'वग-वदना' नाम से है । यामा की भूमिका में महादवी लिखती है--“'यामा में मेरे अत- जंगत्‌ के चार यामो का छायाचित्र है । ये याम दिन के है या रात के यह कहना मेरे लिये असम्भव नहीं तो कठिन अवध्य है ।” फिर भी कृतियों के नामों और उनकी भावनानों में एक ऐसा क्रमिक विकास परिलस्षित होता हूँ (जैसा असगतियों के कारण वहुत कम कवियों में मिलता है) कि यह कहा जा सकता है, ये याम (पहर) दिन के है रात के नहीं, जैसा कि विश्वभर मानव का भी मत हूँ । नोहार की कुहदेलिका (पु घलेपन) में वह अभी मार्ग खोज रही हैं । पधिक निराय भी हैं किंतु दा




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