पाश्चात्य शिक्षा का संक्षिप्त इतिहास | Paschataya Shiksha Ka Sanchipt Itihas

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Paschataya Shiksha Ka Sanchipt Itihas by डॉ. सरयू प्रसाद चौबे - Dr. Saryu Prasad Choubey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ४. )) शर३-१र४, ( ४) इंगलेण्ड १२४, ( ५) दी छाडर आँवु जीसस १२४-१२५, (६ ) दा भीरेटरो व जीसस तथा दी पोर्ट रॉयल स्कूल्स शर५-२२६, ( दे ) उपसंदार १०५६-१२७1 र-्माटिन खूथर ,१९७-१२९ ! द--केंलूविन १९३-१२०। ' छ--जॉन नॉक्स ओर जिवजली ३३०-५३१ | ब्याप ने ऊपर कया पढ़ा है १8१-१३३। सहायक पन्थ १३२-१३३ | टू सी द रे यथाथेवादू १३४--१६७ बु--क्यों श्रीरकहाँ से ? १३४-१३४ | २-यथाथुवाद का अध १३३-१३६ ! ३--सानवताचादी यथाधवाद १३२६ | (१) राबेले १३६-१३४, (के ) उसका शिक्षा आदर्श १३६-१३८, ( ख ) रावेले 8. श* से «+ वश च९०५ श्रौर पेस्तॉलॉज़ी १३८, (ग) रावले शरीर रूसो २३८, (घ) राबले और छ्यदइ १३८, (ड) बौडिक दिकास के लिए क्या श्राव्इययक £ १३८-१३९, (च) राबेले के श्रनुसार झारीरिक शिला १३५९ | ( २. सिर्टन १३३६-१४१ | --सामाजिकता दादी यथाथंवाद १४१-१४४, ग्रादुर्भव के कारण श२४१-१४२, मॉनटेन १४२र-२४४, उपसंहार २६४-२४५ | इ--स्वानुभववादी यथाधथवाद १४१-१६७ | ( १) स्वरूप १४५४-१४, (२) मुंलकास्टर २४६-१४७, ( ३) बेकन १४७-१४९, (४३ राटकें १४९-१५०, (५) कंमेनियस श५२-१६०, कंमेनियस के नव पाठनसिद्धान्त १५६-१५७, बिवक द्वारा कमेनियस की श्रालोचना ३५७-१५८, कमेनियस श्रौर ,फ्रोबेल १५८, कमेनियस और पेस्तीॉलॉँज़ी १५८-१५९, बेकन, राटके श्रौर कमेलियस पथप्रदशक १५९-१६० । ६--यथाथंवाद का प्रसाव १६०-१६१ ३ अप ने ऊपर क्या पढ़ा ? १६३-१६६ । सहायक अन्थ १६६-१६७ । को ८ हर ठवाँ अध्याय । शिक्षा में विनथ की झावना १६८-१८० शू--तात्पय १६८-१६६ | र--लॉक १६३-व७७ | ० (१ ) उसका दिक्षा-सिद्धा्त १६९-१७२, (२) लॉक उपयोगितावाद का समर्थक हा




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